दसवीं या ग्याहवीं कक्षा की परीक्षा में प्रतिवेदन से सम्बंधित प्रश्न होता है. अक्सर विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर प्रतिवेदन लिखने के लिए बोला जाता है. बच्चे अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव या अन्य किसी और विषय पर प्रतिवेदन अच्छे से लिखते हैं. अब आपके मन में सवाल होगा कि प्रतिवेदन का अर्थ क्या होता है? तो आज हम आपसे इसी के बारे में बात करेंगे कि प्रतिवेदन क्या है? प्रतिवेदन की विशेषताएँ. रिपोर्ट को ही हिंदी में प्रतिवेदन कहा जाता है.
प्रतिवेदन क्या है?
प्रतिवेदन अंग्रेजी के Report शब्द का हिंदी अनुवाद है. यह प्रति+वेदन दो शब्दों से मिलकर बना है. जिसका अर्थ होता है, जाँच–पड़ताल के बाद तैयार किया गया विवरण या रिपोर्ट. हिंदी शब्दकोश में प्रतिवेदन का अर्थ “किसी घटना, कार्य योजना आदि के सम्बन्ध में छानबीन, पूछताछ आदि करने के बाद तैयार किया गया विवरण जो किसी अधिकारी या सभा आदि के सामने पेश करने हो.”
वास्तव में प्रतिवेदन एक ऐसा लिखित विवरण है जिसमें तथ्यात्मकता पर आधारित किसी घटना, संस्था, विभाग आदि को प्रस्तुत किया जाता है. इसका मुख्य कार्य शुद्ध और स्पष्ट जानकारी देना होता है. प्रतिवेदन के द्वारा किसी कार्य की प्रगाति, जाँच स्तर, कार्य और उनके परिणामों को अच्छे से व्यक्त किया जाता है.
प्रतिवेदन के प्रकार
रिपोर्ट या प्रतिवेदन के कई प्रकार होते हैं,
- सभा, गोष्ठी या किसी सम्मलेन का प्रतिवेदन
- विद्यालय, सामाजिक, धार्मिक आदि संस्था का वार्षिक/मासिक प्रतिवेदन
- व्यावसायिक प्रगति या स्थिति का प्रतिवेदन
- जाँच समिति द्वारा प्रतिवेदन
रिपोर्ट के द्वारा विभिन्न संस्थाओं और संस्थानों की वर्ष भर की गतिविधियों और उनकी प्रगति का विवरण सम्बंधित लोगों तक पहुंचा कर उसे सार्वजनिक किया जाता है. साहित्यिक गोष्ठियों, सभाओं, कवि सम्मेलनों, संस्थाओं की मासिक/त्रैमासिक/छमाही/वार्षिक प्रगति, व्यावसायिक संस्थानों की स्थिति या प्रगति और जाँच समितियों की रिपोर्ट के साथ-साथ आँखों देखी घटनाओं की रिपोर्ट भी की जाती है।
प्रत्येक स्कूल और कॉलेज की वर्ष भर की गतिविधियों को रिपोर्ट उनके द्वारा आयोजित वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुरस्कार वितरण समारोह आदि में प्राचार्य/प्राचार्या के द्वारा प्रस्तुत करने का प्रचलन है. व्यवसायों की प्रगति और जाँच समितियों की रिपोर्ट तकनीकी आधार पर बनायीं जाती है
प्रतिवेदन की विशेषताएँ
- प्रतिवेदन तथ्यों पर आधारित होना चाहिए.
- उसकी भाषा सरल-सीधी होनी चाहिए, इसमें मुहावरे लोकोक्तियों का प्रयोग नहीं होना चाहिए.
- भाषा को अलंकारों और लक्षणा शब्द शक्ति से रहित होना चाहिए.
- किसी भी शब्द या वाक्य से अनेक अर्थ नहीं निकलने चाहिए. एक शब्द या वाक्य से एक अर्थ निकलना चाहिए.
- इसमें प्रथम पुरुष (मैं या हम) का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.
- सभी तथ्य सत्य पर आधारित और विश्वसनीय होनी चाहिए, उनमें कल्पना का शब्द नहीं होना चाहिए.
- रिपोर्ट में केवल महत्वपूर्ण तथ्यों को ही स्थान दिया जाना चाहिए.
- एक अच्छा प्रतिवेदन संक्षिप्त या छोटा होना चाहिए.
- सभी तथ्य क्रमानुसार होनी चाहिए ताकि उनसे पूरी जानकारी व्यवस्थित रूप में प्राप्त हों.
- प्रतिवेदन में उचित शीर्षक हो, जिससे प्रतिवेदन की विषय संबंधी जानकारी प्राप्त हो सके.
- विषय एवं तथ्यों के आधार पर प्रतिवेदन अनुच्छेदों में विभाजित होना चाहिए.
प्रतिवेदन के तत्व
किसी घटना की तथ्यात्मक प्रस्तुति, प्रतिवेदन है. इसके निम्नलिखित तत्व हैं,
तथ्यपरकता
- प्रतिवेदन तथ्यों पर आधारित होती है.
- यह किसी छोटी घटना पर भी हो सकती है तथा बड़ी घटना पर भी.
- जब तक प्रतिवेदक तथ्यों को पाठकों के सामने नहीं रखता वह प्रतिवेदन नही होती.
- इसमें आँकड़ों तथा तथ्यों की जरूरत होती है.
प्रत्यक्ष अनुभव
- रिपोर्ट लेखन प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित होता है.
- प्रत्यक्ष अनुभव के बिना रिपोर्ट नहीं लिखी जा सकती है. रिपोर्टर घटनास्थल पर पहुँचकर घटना की जानकारी लेता है.
- वह तथ्य एकत्रित करता है और आस-पास के माहौल की जाँच करता है.
संक्षिप्तता
- रिपोर्ट यानि प्रतिवेदन में संक्षिप्तता का गुण होना चाहिए है.
- यदि किसी घटना का विवरण बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए, तो रिपोर्ट नीरस हो जाती है.
- पाठक उसी रिपोर्ट को पढ़ता है जिसमें कम शब्दों में अधिक जानकारी दी गई हो.
- बड़ी रिपोर्ट से पाठक उबाऊ हो जाते हैं.
रोचकता एवं क्रमबद्धता
- किसी भी प्रतिवेदन में रोचकता एवं क्रमबद्धता होना चाहिए.
- यदि किसी घटना का सिलसिलेवार वर्णन प्रस्तुत किया जाए, तो विचारों की तारतम्यता टूटती है.
- कटु सत्य से व्यक्ति परहेज़ करता है, अत: रिपोर्ट की शैली रोचक होनी चाहिए.
विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर प्रतिवेदन (उदाहरण)
गत वर्ष 28 फरवरी, 2019 को हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हुआ. नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री मनोज सिन्हा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. इस वर्ष विद्यालय में काफी उत्साह देखा गया. विद्यालय को पूरी तरह से सजाया-सँवारा गया. प्रात: काल 10 .00 बजे कार्यक्रम आरंभ हुआ. पहले एन.सी.सी., स्काउट तथा बैंड के छात्रों ने स्वागत-गान के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत किए. फिर मलखंभ, ड्रिल के आकर्षक कार्यक्रम हुए. तत्पश्चात् मंच के कार्यक्रम प्रारंभ हुए। विद्यालय के छात्रों ने मंत्रमुग्ध करनेवाले अभिनय, नृत्य और गीत प्रस्तुत किए. प्राचार्य महोदय ने विद्यालय की प्रगति की रिपोर्ट पेश करते हुए, विज्ञान के छात्रों के लिए नई प्रयोगशाला की कमी का उल्लेख किया. प्राचार्य के भाषण के बाद मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम की अच्छी-अच्छी प्रशंसा की तथा प्रयोगशाला के लिए 90,000 रु. सहायता राशिदेने की घोषणा की. विद्यालय का प्रांगण तालियों की ध्वनि से गूंज उठा. मुख्य अतिथि ने प्रतिभाशाली छात्रों को चहुंमुखी उन्नति की दिशा में बढ़ने की प्रेरणा दी तथा उनके प्रोत्साहन के लिए कई पुरस्कार-योजनाएँ शुरू करने की भी घोषणा की. अंत में इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं को मुख्य अतिथि के हाथों से पुरस्कृत किया गया. इस प्रकार यह कार्यक्रम अच्छे से संपन्न हुआ.
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