फूड पॉइजनिंग क्या होता है? Food Poisoning Meaning in Hindi

लगातार बढ़ते तापमान की वजह से जहाँ गर्मी बर्दाश्त कर पाना मुश्किल है, वहीं इस मौसम में food poisoning की समस्या भी घेर लेती है। इसका सबसे बड़ा कारण bacteria और ठीक तरह से साफ-सफाई न रखना है। और आज हम इसी के बारे में जानेंगे कि फूड पॉइजनिंग क्या होता है? फूड पॉइजनिंग से बचने के घरेलू उपाय क्या-क्या हैं?

चटपटा, spicy & tasty खाने के चक्कर में अक्सर हम बाहर का खुला या ख़राब खाना खा लेते हैं, जो हो सकता है ठीक से पकाया न गया हो या पकाते समय सब्जियों को ठीक से धोया न गया हो। इसकी वजह से पेट में दर्द, मरोड़, acidity और बुखार जैसी कई परेशानियाँ शुरू हो जाती हैं। बीमारियाँ फैलाने वाले bacteria ज्यादा meat, see-food और dairy products में पाए जाते हैं, लेकिन इसके अलावा फलों और सब्जियों में भी बैक्टीरिया पनप सकते हैं।

फूड पॉइजनिंग क्या होता है?

जब आप अधपका, बासी या फिर ख़राब खाना खाते हैं, तो वो हमारे पेट में जहर (poison) के तौर पर रियेक्ट करता है। इसी को हम food poisoning के नाम से जानते हैं।

  • Food poisoning का पहला लक्षण पेट दर्द होता है।
  • जब तापमान बढ़ता है, तो हमें हमेशा फ़ूड poisoning जैसी समस्या से सावधान रहना चाहिए, जो तापमान में वृद्धि होने के कारण हवा में बैक्टीरिया की अधिकता की वजह से होता है।
  • यह खाने से होनेवाली बीमारी है, जो विषाक्त, ख़राब या बासी खाना खाने की वजह से होती है।
  • किसी अन्य मौसम की अपेक्षा गर्मियों में खाना के ख़राब या विषाक्त हो जाने की आशंका सबसे अधिक होती है, क्योंकि गर्मी व नमी के मिश्रण से उगने वाली वनस्पति में बैक्टीरिया को उगने में मदद मिलती है।
  • आमतौर पर मुर्गी, अंडे, मछली, गंदे पानी पीने से यह समस्या उत्पन्न होता है।

फूड पॉइजनिंग के लक्षण

यदि आपको खाने के कुछ घंटों के बाद उलटी, जी मिचलाने या तेज पेट दर्द इत्यादि की शिकायते होती हैं, तो यह food poisoning के लक्षण हैं।

  • जी मिचलाना, दस्त, सिरदर्द, भूख न लगना आदि भी इसके लक्षण हैं।
  • इससे ग्रस्त होने पर बहुत ज्यादा थकान व कमजोरी महसूस होती है।
  • यदि समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, तो बुखार, बदन दर्द, झिनझीनी, चेहरे में सुजन, साँस लेने और निगलने में परेशानी आदि हो जाती है.

फूड पॉइजनिंग कैसे होता है?

Food Poisoning की समस्या सिर्फ दूषित खाना खाने की वजह से नहीं होती, कई बार यह हमारे गंदे हाथों से खाना खाने से भी हो जाती है।

  • गंदे पानी में बना भोजन खाने से पेट एकदम ख़राब हो जाता है। अगर लम्बे समय तक घर में इस्तेमाल होनेवाले पानी के टैंक की सफाई नहीं हुई हो, तो पानी दूषित हो जाता है. जब हम उस पानी को किसी भी रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो इस बीमारी के शिकार में आ जाते हैं।
  • आज के जीवनशैली में बाहर restaurant में खाना आम है. मगर लोग अनभिज्ञ रहते हैं कि restaurant में कई बार बासी खाना भी परोसा जाता है।
  • यहाँ तक कि बासी या सड़ी-गली सब्जियों का इस्तेमाल तक किया जाता है. उनके बरतन भी गंदे होते हैं और पकाते समय साफ-सफाई का ध्यान न रखे जाने से भोजन विषाक्त हो जाता है।

फूड पॉइजनिंग में क्या करना चाहिए?

  • खाना बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें। सब्जियों को अच्छे से धोएं।
  • अच्छी तरह से पका खाना खाएं. तजा कटे फल व सब्जियों का ही सेवन करें।
  • पके भोजन को एक घंटे से ज्यादा समय के लिए बाहर न रखें।
  • बरतन साफ करनेवाले कपडे व scrubber को जल्दी-जल्दी बदलें, क्योंकि ये कीटाणुओं के पोषक होते हैं।

फूड पॉइजनिंग से बचने के घरेलू उपाय

  • अगर पेट ख़राब हो गया हो या डायरिया हो गया हो, तो black tea पियें।
  • तुलसी के कुछ पत्तों के रस में एक चम्मच शहद मिला कर लें. इसके सेवन के कुछ घंटों में आराम लगेगा।
  • केला food poisoning के प्रभाव को बहुत जल्दी ख़त्म कर देता है।
  • सेब खाने से food poisoning की समस्या दूर होता है।

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