प्रश्नावली क्या है? खुली और बंद प्रश्नावली क्या है? अच्छी प्रश्नावली की विशेषताएँ

यदि आप किसी टेट एग्जाम की तैयारी कर रहे होंगे या शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स कर रहे होंगे, तो प्रश्नावली के प्रकार के बारे में अवश्य पढ़ें होंगे. बंद प्रश्नावली और खुली या विस्तृत प्रश्नावली से सम्बंधित प्रश्न टेट एग्जाम में आता है. तो आज मैं आपसे बंद प्रश्नावली क्या है? अच्छी प्रश्नावली की विशेषताएँ के बारे में बात करेंगे.

प्रश्नावली क्या है? 

प्रश्नावली शब्दों की ऐसी क्रमबद्ध श्रृंखला है, जिससे व्यक्तियों के व्यवहारों व अनुभवों की जानकारी के लिए स्व-कथन का सहारा लिया जाता है. जहाँ तक प्रश्नावली और अनुसूची के निर्माण का प्रश्न है, वह दोनों ही विधियों में समान है. अनुसूची और प्रश्नावली में सूचना एकत्र करने तथा संपर्क स्थापित करने का अन्तर है.

गुड तथा हेट ने प्रश्नावली को इन शब्दों में परिभाषित किया है, “प्रश्नावली एक प्रकार से प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने का साधन है, जिसमें एक प्रारूप का प्रयोग होता है, जिसे उत्तरदाता स्वयं भरता है.”

प्रश्नावली के प्रकार

  • बंद प्रश्नावली
  • खुली या विस्तृत प्रश्नावली

बंद प्रश्नावली क्या है? (Closed Questionnaires)

यह वे प्रश्नावलियां होती है, जिनमें दिए गए प्रश्नों के उत्तर सीमाबद्ध या नियंत्रित होते हैं. किसी प्रश्न का ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में उत्तर देना अथवा सुझाये गए उत्तरों की सूची में से एक का चयन अपने उत्तर के रूप करना, ऐसे प्रश्नों को बंद प्रश्नावली कहते हैं. इस प्रश्नावली में वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective type Question) होता है. नीचे बंद प्रश्नावली के उदहारण इस प्रकार है,

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  1. आने जाने की सुविधा के कारण
  2. मित्र की सलाह के कारण
  3. विद्यालय की साख
  4. कम खर्चा
  5. छात्रवृत्ति आदि के कारण

कुछ विशेष प्रकार की सूचनाओं के लिए सीमित या बंद प्रश्नावली काफी संतोषप्रद होती है, इनका भरना आसान होता है. इनमें कम समय लगता है, उत्तरदाता विषय से विचलित नहीं होता. यह सापेक्षिक रूप से वस्तुगत होते हैं तथा उनका विश्लेषण एवं सारणीबद्ध करना अपेक्षाकृत सरल होता है.

खुली प्रश्नावली  (Open Ended Questionnaires)

विस्तृत या खुली प्रश्नावलियों के प्रश्न, उत्तरदाता को अपने शब्दों में उत्तर देने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करती हैं. इसमें उत्तरदाता अपने शब्दों में प्रश्न का उत्तर देता है. निम्नलिखित खुली प्रश्न द्वारा वही सूचना प्राप्त की जा सकती है जो कि ऊपर बंद प्रश्न द्वारा की गई है.

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इस प्रश्न में कोई संकेत नहीं दिए गए हैं. इस प्रकार के प्रश्नों द्वारा उत्तर की अधिक गहराई प्राप्त की जा सकती है. इन प्रश्नों के द्वारा उत्तरदाता अपने उत्तर देने का कारण और सन्दर्भ भी प्रकट कर सकता है. इस प्रकार के प्रश्नों का विश्लेषण, सारणीकरण तथा सार प्राप्त करना, अनुसन्धान में अपेक्षाकृत कठिन होता है.

अच्छी प्रश्नावली की विशेषताएँ 

  • इसके द्वारा केवल वही सूचना प्राप्त करनी चाहिए जो अन्य किसी स्रोत से प्राप्त न हो सके.
  • निर्देश, पूर्ण और स्पष्ट होनी चाहिए. महत्वपूर्ण शब्दों की स्पष्ट व्याख्या होनी चाहिए.
  • प्रत्येक प्रश्न में केवल एक ही विचार सन्निहित होना चाहिए तथा प्रश्नों की भाषा एवं शब्दावली सरल होनी चाहिए.
  • जहाँ तक संभव हो यह छोटे से छोटा होना चाहिए. इसकी लम्बाई केवल इतनी होनी चाहिए, जिससे कि अनिवार्य प्रदत्त प्राप्त हो सकें.
  • लम्बी प्रश्नावलियां प्राय: कूड़े की टोकरी में फ़ेंक दी जाती है.
  • यह देखने में सुन्दर होनी चाहिए. सफाई से व्यवस्थित तथा सुन्दर रूप से छपी हुई होनी चाहिए.
  • इसका सम्बन्ध महत्वपूर्ण विषय से होता है. विषय कम से कम इतना महत्वपूर्ण होना चाहिए कि उत्तरदाता उसे पूरा करने में अपना समय देने के लिए विवश हो जाए.
  • विषय का महत्व या तो प्रश्नावली में ही उल्लेखित होना चाहिए या उसके साथ जो पत्र भेजा जाता है. उसमें इसका स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए.
  • उत्तरों के वर्ग इस प्रकार होने चाहिये कि स्पष्ट उत्तर प्राप्त हो सकें.
  • प्रश्न में वस्तुग्तता (Objectivity) होनी चाहिए.
  • प्रश्नों का क्रम मनोवैज्ञानिक होना चाहिए. सामान्य प्रश्नों से विशिष्ट प्रश्नों की ओर अग्रसर होना चाहिए.
  • इससे उत्तरदाता को अपने विचार संगठित करने में सहायता मिलती है. जिससे उसके उत्तर तार्किक तथा तथ्यात्मक होते हैं.

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