Happy Children’s Day 2021! चिल्ड्रेंस डे यानी बच्चों का दिन। एक ऐसा दिन जो पूरी तरह बच्चों के नाम होता है। आप भी इस दिन enjoy करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते होंगे। और आज हम इसी के बारे में बात करेंगे कि Children’s Day 14 November को ही क्यों मनाया जाता है?
चिल्ड्रंस डे सिर्फ़ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यहाँ तक कि कई देशों में चिल्ड्रेंस डे को official holiday घोषित किया गया है और कई देशों में इस दिन बच्चों को स्कूल से छुट्टी मिल जाती है। इस हॉलिडे का इस्तेमाल बच्चों के अधिकारों जैसे उनकी सेहत, शिक्षा, बाल मज़दूरी आदि के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए किया जाता है।
बाल दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
सबसे पहले यूनाइटेड नेशंस ने 1945 में International Children’s Day की शुरुआत की थी। इस दिन की शुरुआत करने का उद्देश्य यह था कि अलग-अलग देशों के बच्चे इस ख़ास दिन के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ सकें और उनके बीच आपसी समझ और एकता को बढ़ावा मिल सके।
साथ ही इस दिन लोगों के बीच बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जाता है। इस उद्देश्य के साथ यूनाइटेड नेशंस ने 20 नवम्बर को Universal Children’s Day मनाने की शुरुआत की।
साथ ही उन्होंने सभी देशों से अपील की कि वे अपनी परम्पराओं, संस्कृति और धर्म के अनुसार भी अपने लिए कोई एक दिन सुनिश्चहित करें, जो बच्चों को समर्पित हो। इसके बाद से सभी देशों में चिल्ड्रेंस डे मनाने की परम्परा शुरू हुई। शुरुआत में लगभग सभी देशों में यह 20 नवम्बर को ही मनाया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे अपनी सुविधानुसार सभी देशों में इसे अलग-अलग दिन मनाया जाने लगा।
चिल्ड्रंस डे 14 नवम्बर को ही क्यों मनाते हैं?
अपने देश में भी पहले बाल दिवस 20 नवम्बर को ही मनाया जाता था। लेकिन वर्ष 1964 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के निधन के बाद इसे उनके जन्मदिन 14 नवम्बर को मनाने की शुरुआत की गयी।
ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि नेहरु जी ने अपने प्रधानमंत्री रहते हमेशा बच्चों के लिए ख़ूब काम किया। उनका मानना था कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं, इसलिए देश के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा और सभी ज़रूरी अधिकार मिलना ही चाहिए.
उन्होंने आज़ादी के बाद अनेक स्कूल बनवाए और कई Children’s Welfare Programs भी पूरे देश में चलवाए। बच्चे भी उनसे बेहद प्यार करते थे और उन्हें चाचा नेहरु कहते थे। इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।