आज के जीवन शैली में हम सभी के लिए मोटापा एक सबसे बड़ी चुनौती है। मोटापा हमारे शरीर में आलस्य पैदा करता है, उसके अलावा यह कई बीमारियों का घर भी बनाता है। धनुरासन योग का नियमित अभ्यास करके आप मोटापा से छुटकारा पा सकते है।
Dhanurasana Kya Hai?
धनुरासन योग करते समय में शरीर की आकृति धनुष जैसी हो जाती है। धनुरासन दो शब्दों से मिलकर बना है ‘धनु+आसन’। धनु का मतलब धनुष होता है और आसन का मतलब स्थिति या मुद्रा, इसलिए इस आसन को धनुरासन कहा जाता है। यह आसन मोटापा को कम करने के साथ ही हमारे शरीर के रीढ़ की हड्डी (backbone) को लचीला बनाता है तथा पेट के निचले हिस्से को मजबूत करता है।
Dhanurasana Kaise Kare?
- धनुरासन करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएँ।
- उसके बाद दोनों पैरों के घुटनों को मोड़ें और हाथों को पीछे की ओर ले जाएं।
- और बाएं हाथ से बाएं एडी को पकडे और दायें हाथ के साथ दाहिने एडी को पकड़ें।
- एडियों को पकडे और घुटनों के बीच दूरी बनाएं।
- अब साँस छोड़ते हुए घुटनों को उठाकर पैरों को खींचे और छाती को उठाएं।
- सिर को भी उठाएं और पीछे की ओर खींचें, ताकि पूरा भार पेट पर जाए।
- पैरों को ऊपर उठाते समय घुटनों को आपस में जोड़ना नहीं है।
धनुरासन करने की विधि
- कुछ समय के बाद जांघों, घुटनों और एडियों को आपस में जोड़ें।
- पेट में खिंचाव होने के कारण साँस की गति तेज हो सकती है।
- धनुरासन योग 20 सेकंड से एक मिनट तक अथवा यथाशक्ति आप इसका अभ्यास कर सकते हैं।
- अभ्यास पुरे होने पर साँस को छोड़ते हुए एडियों को छोड़ दें और पैरों को सीधा निचे रखें।
- सिर और पैरों को वापस जमीन पर लाने के बाद आराम करें।
धनुरासन के फ़ायदे
- धनुरासन योग सभी आँतों और पेट के विकारों को हटाने में मदद करता है तथा पाचन तंत्र में सुधार लाता है।
- उसके साथ ही यह आसन मोटापे को कम करके पेट पर जमा चर्बी को कम करता है।
- यह आसन अनियमित मासिक धर्म से पीड़ित महिलाओं के लिए सबसे उपयुक्त व्यायाम है, क्योंकि इस आसन को करने से नियमित मासिक चक्र होता है।
- इसके साथ ही स्त्रियों का प्रजनन तंत्र ठीक तरह से काम करने लगता है तथा अन्य स्त्रीजनित रोग भी दूर होते हैं।
- इस आसन का अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है।
- उसके साथ ही पेट के अंगों के लिए भी फायदेमंद है।
- जो लोग sleep disk कर सामना कर रहे हैं, उन्हें धनुरासन के नियमित अभ्यास से राहत मिलती है।
- धनुरासन करने से कंधे के रक्त पूरी तरह से फैल जाते हैं और इससे कंधे के जोड़ों को लचीला बनने में मदद मिलती है। इससे कंधे के दर्द भी कम होते हैं।
- देखा जाए तो धनुरासन योग करने से शरीर के सभी अंग लाभान्वित होते हैं।
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