ई-गवर्नेंस के द्वारा सरकारी योजनओं की सूचना, सरकारी डाक्यूमेंट्स की ऑनलाइन उपलब्धता हेतु कई योजनाएं चलायी जा रही है. सरकार कई ई-पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग कर नागरिकों तक अपनी सेवाएँ पहुंचाती है. इसी क्रम में भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण करना शामिल है. ई-गवर्नेंस का सबसे अच्छा उदहारण डिजिटल इंडियन प्रोग्राम को माना जाता है. तो आज आप जानेंगे कि E-Governance Kya Hai? इसके लाभ और चुनौतियां क्या है?
ई-गवर्नेंस क्या है?
सरकारी कार्यों, योजनाओं, सूचनाओं व सेवाओं को ऑनलाइन सर्विस के माध्यम से देश के नागरिकों तक पहुँचाने के लिए सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करना, ई-गवर्नेंस कहलाता है.
ई-गवर्नेंस में इ का अर्थ ‘इलेक्ट्रॉनिक’ और गवर्नेंस का अर्थ ‘शासन’ होता है. यानि ई- गवर्नेंस का मतलब ‘इलेक्ट्रॉनिक शासन’ (Electronic Governance) होता है. इसके तहत सभी सरकारी कार्यों को ऑनलाइन कर दिया गया है. जिससे देश के सभी नागरिक घर-बैठे आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ पा सकें. सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े.
आम जनता तक सरकारी योजनाओं की सूचना, सरकारी डाक्यूमेंट्स की ऑनलाइन उपलब्धता हेतु इ-गवर्नेंस के तहत कई योजनाएं चलायी जा रही है. जैसे- ऑनलाइन बैंकिंग सुविधा, सरकारी योजना का ऑनलाइन आवेदन, ऑनलाइन एग्जाम, ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान, ऑनलाइन जाति, आवासीय सर्टिफिकेट बनवाना आदि.
सरकार कई ई-पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग कर नागरिकों तक अपनी सेवाएँ पहुंचाती है. इसी क्रम में भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण करना शामिल है. डिजिटल इंडियन प्रोग्राम इ-गवर्नेंस का सबसे अच्छा उदहारण है.
ई-गवर्नेंस के अंतर्गत आने वाले काम
- ऑनलाइन नेट बैंकिंग- इसके जरिये आप घर बैठे बैंकिंग सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
- UPI पेमेंट के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करना.
- किसी भी प्रतियोगी परीक्षा व बोर्ड एग्जाम का एडमिट कार्ड, मार्कशीट ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं.
- GST से सम्बंधित कार्य ऑनलाइन कर सकते हैं.
- आयकर रिटर्न फाइलिंग- इससे सम्बंधित सभी कार्य ऑनलाइन किया जाता है.
- पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, राशन कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड का ऑनलाइन सत्यापन किया जाता है.
- जाति प्रमाण-पत्र, आवासीय प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण पत्र व ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन बनाया जाता है.
- बिजली बिल, टेलीफोन बिल, मोबाइल रिचार्ज, DHT रिचार्ज ऑनलाइन भर सकते हैं.
- एयरोप्लेन, ट्रेन, बस आदि की टिकेट ऑनलाइन कर सकते हैं.
- कक्षा 1 से 12वीं तक की एन.सी.ई.आर.टी पुस्तकें डाउनलोड कर सकते हैं.
- डिजिटल लॉकर के माध्यम से ऑनलाइन सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जा सकता है.
- ऑनलाइन एफआईआर दर्ज किया जा सकता है.
- ऑनलाइन मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं और ऑनलाइन वोटर कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.
ई-गवर्नेंस के लाभ
- ई-गवर्नेंस से व्यवसाय और नए अवसरों का सृजन हुआ है.
- इससे लाखों कॉमन सर्विस सेंटर खुले है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला है.
- ई-शासन से समय व धन की बजत होती है. पहले अधिकतर कार्य कागजी फाइलों पर आधारित होती थी, जिससे समय व धन दोनों की खर्च होती थी.
- इसमें कंप्यूटर आधारित इन्टरनेट के माध्यम से ऑनलाइन काम होता है, जिससे समय व धन दोनों की बजत होती है.
- इसके साथ ही कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन काम घर-बैठे या कहीं से भी किया जा सकता है.
- इ-गवर्नेंस के माध्यम से कार्य व सेवाओं की दक्षता एवं गुणवत्ता में सुधार होता है.
- सरकार को सभी प्रकार की आंकडे (Data) आसानी से उपलब्ध हो जाती है.
- इससे भ्रष्टाचार कम होता है. बिचौलियों व दलाल बीच में नहीं आ पाते है.
- लाभुक के बैंक खाते में पेंशन की राशि, सरकारी आवास आदि राशि सीधे आ जाती है.
- ई-गवर्नेंस के माध्यम से एक कॉमन डाटा तैयार हो जाता है, जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
- इसमें जनता और सरकार के बीच पारदर्शी संवाद बढ़ता है.
- इसके द्वारा नागरिक सरकारी सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर पाते हैं.
- ई-गवर्नेंस से सुशासन को बल मिलता है.
- सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति का डाटा आसानी से तुरंत मिल जाती है. क्योंकि इ-गवर्नेंस के द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम के द्वारा कर्मचारी का हजारी बनता है.
- ऑनलाइन जाति, आवासीय व आय प्रमाण-पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इससे समय की बचत होती है.
ई-गवर्नेंस की चुनौतियां
- शहरों में ई-गवर्नेंस का प्रभाव अधिक हुआ जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ई-गवर्नेंस का व्यापक प्रभाव नहीं देखा गया.
- क्योंकि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, इन्टरनेट आदि बुनियादी सुविधा का अभाव है.
- इसमें डेटा लीक व साइबर क्राइम का खतरा रहता है.
- ई-गवर्नेंस हेतु उपयोग किये जाने वाले उपकरण कभी महंगे होते है, जिससे प्रारंभ में काफी अधिक सार्वजनिक धन व्यय करना पड़ता है.
- सार्वजानिक धन व्यय करना, भारत जैसे विकासशील देश के लिए बाधा है.
- मंत्रियों एवं वरिष्ठ नौकरशाह आज भी कंप्यूटर के प्रयोग से बचना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें कंप्यूटर प्रयोग करना नहीं आता है.
- शैक्षणिक पिछड़ापन व जागरूकता में कमी ई-गवर्नेंस के मार्ग में बाधा है.
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