Khel ka Mahatva Nibandh अक्सर आपने स्कूल/कॉलेज में लिखने को कहा जाता है। वैसे तो हमारे जीवन में खेल काफ़ी महत्वपूर्ण हैं; लेकिन कई लोगों को Khelo ka Mahatva Essay in Hindi कैसे लिखना है, समझ ही नहीं आता है? आज का यह पोस्ट ‘खेल का महत्व पर निबंध‘ ही है।
यदि आप अंग्रेजी माध्यम में पढ़ते हैं, तो आपको Essay on Importance of Games/Sports/Playing लिखना भी कहा जा सकता है। दोनों का मतलब एक ही है, लेकिन भाषा अलग-अलग है। तो इस पोस्ट को आप अंत तक पूरा ज़रूर पढ़ें, क्योंकि एक बार समझ जाने से आप दोनों भाषाओं में एक ही कोंटेंट को लिख सकते हैं।
Khel ka Mahatva Nibandh (Essay)
सच बताऊँ तो खेलों का महत्व के बारे में निबंध लिखना भी एक खेल से कम नहीं है। मनुष्यों के जीवन में सबसे अधिक सुखद कोई लम्हा है तो वह है, खेल।
शारीरिक अंगों में स्फूर्ति और चंचलता, हृदय में आनंद और प्रसन्नता तथा मन में उत्साह और स्वतंत्रता का भाव भरनेवाला होता है खेल, क्योंकि इसका सिर्फ शारीरिक महत्व ही नहीं होता, बल्कि शैक्षिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक महत्व भी हुआ करता है।
यही कारण है कि चाहे पशु हो या पक्षी या फिर सबसे संवेदनशील प्राणी मानव- सभी खेल-कूद को बेहद पसंद करते हैं। खेल-कूद हमारे शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाते हैं, हमारी मांसपेशियों को ताकतवर बनाते हैं और रक्त-संचार को नियंत्रित करते हैं। खेलने-कूदनेवाले बच्चे पढ़ने-लिखने में भी काफ़ी मन लगाते हैं। यह कहना बिलकुल तर्कसंगत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।
Importance of Games Essay in Hindi
खेल-कूद का मनोवैज्ञानिक महत्व भी हुआ करता है। किशोरावस्था में जो अतिरिक्त शक्ति होती है, वह खेल-कूद के द्वारा उचित स्रोतों में प्रवाहित होकर शुभ मार्ग ग्रहण करती हैं।
यदि बच्चों को खेल-कूद के पर्याप्त अवसर न मिले तो वही बच्चे भविष्य में अनैतिक, असामाजिक और असंस्कृत ही नहीं यौनरोगी बनकर रह जाते हैं, क्योंकि खेलों के माध्यम से काम-वासना, सामूहिक युयुत्सा तथा अपसंस्कृति का पूर्णतया शोधन हुआ करता है।
यही कारण है कि सामूहिक खेलों से मनोरंजन के साथ-साथ चरित्र-निर्माण भी होता है तथा इसके बहाने सहयोग, सहकारिता, और पारस्परिक निर्भरता की भावना परिपुष्ट होती है।
खेल-कूद बच्चों को कुशल नागरिकता का प्रशिक्षण देते हैं। कारण बच्चे इसके माध्यम से अपने अधिकारों को जानते हैं और कर्तव्यों का पालन करना सीखते हैं साथ ही वे दूसरे बच्चों के अधिकार और कर्तव्यों को भी महत्व देते हैं। समुचित रूप से नियम-पालन तथा आज्ञाकारिता की भावना ही तो अनुशासन का प्रथम पथ है, जो बच्चों को विभिन्न खेलों के माध्यम से ही प्राप्त हो पाता है।
खेलों का महत्व पर निबंध
ख़ाली दिमाग तो शैतान का घर हुआ करता है। खेल-कूद में भाग लेना बच्चों के ख़ाली समय का सुंदरतम उपयोग है। इसके अभाव में दुर्व्यसनों का जन्म होना निश्चित ही है। इतना ही नहीं, खेल-कूद भावी जीवन-यापन का पूर्ण प्रशिक्षण है और है नेतृत्व की क्षमता प्रदान करनेवाला अद्भुत टूल।
अब बीत गया वह ज़माना जब लोग कहा करते थे कि खेलोगे-कूदोगे होगे ख़राब। क्योंकि खेलों के बढ़ते स्वरूप और क्षेत्रों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि अब यह महज़ मनोरंजन और शारीरिक सौष्ठव के लिए ही नहीं रहा, अर्थोपार्जन का भी नायाब क्षेत्र बनता जा रहा है और इसकी अपरिमित संभावनाएँ हैं।
खेल-कूद से एकाग्रचित्तता बढ़ती है। इसके माध्यम से बच्चे अपनी शक्ति और ध्यान को कार्य पर केंद्रित करने का प्रशिक्षण लेते हैं। यह किसी राष्ट्र की उन्नति का प्रमुख कारण है, क्योंकि इससे प्राप्त शारीरिक और मानसिक ताकत एवं अनुशासन और समाजिकता, अधिकार तथा कर्त्तव्यबोध ही देश को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करते हैं।
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