लालच यानी किसी चीज़ की तीव्र और स्वार्थी इच्छा जिसे पाने के लिए किसी भी हद तक लोग चले जाते हैं। इसके संबंध में एक कहावत काफ़ी लोकप्रिय है और शायद आपने भी कई बार लोगों को कहते हुए सुना होगा कि लालच बुरी बला है। आइए लालच पर लघु निबंध के माध्यम से जानते हैं लालच बुरी बला का मतलब क्या होता है?
लालच बुरी बला का मतलब
लालच का मतलब होता है किसी चीज़ को स्वार्थी रूप से इतना चाहना कि उसे पाने के लिए आप किसी दूसरे की आप परवाह करना छोड़ दो, और बला का मतलब होता है दुष्ट। इस प्रकार लालच बुरी बला का अर्थ हुआ, लालच सबसे बड़ा दुष्ट है जो आपको और आपके साथ रहने वाले सभी को, साथ ही पूरी दुनिया का नष्ट कर सकती है। इसलिए आपको लालच से दूर रहना चाहिए।
लालच पर निबंध
मनुष्यों के लिए लालच एक ऐसी दुष्ट चीज़ है जिसके कारण मनुष्य का सामाजिक और नैतिक पतन हो जाता है। दूसरे की वस्तुओं के प्रति आकर्षण और उन वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए की जानेवाली साज़िशों के कारण लोग एक-से-एक विपत्तियों में फँसते चले जाते हैं। लालच में फँसकर आदमी एक के बाद एक अपराध करता जाता है और अपने सुखमय जीवन को संकटमय बना लेता है।
हमारे आसपास लूट, छिनतई, झूठ और जालसाज़ी के जितने भी अपराध होते हैं, उन सभी का मुख्य कारण लालच ही है। अपने लालची आदत के चलते मनुष्य लगातार ग़लतियाँ करता जाता है, और अंततः एक ऐसी जगह पर पहुँचता है जहाँ उसे उसके पतन के अलावा और कुछ भी दिखाई नहीं देता है।
लालच का प्रमुख कारण है असंतोष। प्रत्येक व्यक्ति को यह प्रयास करना चाहिए कि वह लालच से बचे, चाहे वह लालच किसी बड़ी वस्तु का हो उस किसी छोटी वस्तु का। संतोषी और परिश्रमी व्यक्ति के मन में लालच के कीटाणु जन्म नहीं लेते। लालच की बीमारी एक संक्रामक रोग की तरह फैलकर हमारे सामाजिक और नैतिक आदर्शों को समाप्त कर रही हैं। इसलिए लालच से दूर रहिए और मेहनत से चीजों को हासिल करने की सोचें क्योंकि उसमें जो संतोष मिलता है वो लालच से कभी नहीं मिल सकता है।
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