नृत्य शरीर, मस्तिष्क और आत्मा की अभिव्यक्ति है। संगीत के साथ चेहरे की अभिव्यक्ति से शारीरिक अंगों के समन्वयन का नाम नृत्य है। भारत विविध संस्कृति का एक देश है और प्रत्येक क्षेत्र के नृत्य वंशागत हैं। नृत्य मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, लोक नृत्य (folk dance) और शास्त्रीय नृत्य (classical dance).
लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्य में क्या अंतर है?
लोक नृत्य वह नृत्य जिसका विकास सामान्य लोगों के जीवन से हुआ है और जो सामंजस्य में निष्पादित किया जाता है। ऐसे नृत्य त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान और रीति, धार्मिक उत्सव एवं आनंद के अन्य अवसरों में किए जाते हैं।
शास्त्रीय नृत्य वह नृत्य है जो विकसित, सृजित और ठोस आधार वाला है। इसकी एक विशिष्ट शैली है और कौशल गुरुओं द्वारा सीखे जाते हैं। इसके कई प्रकार है, जैसे कि कत्थक, भरतनाट्यम्, कथकली, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम, कुचिपुड़ी, ओड़िसी, आदि।
लोक नृत्य क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होते हैं। जैसे: गुजरात में डांडिया और गरबा, असम में बिहू, बाग़ुखम्बा और भोरताल, बिहार में जादुर और कठपुतली, आदि। इसी तरह सभी क्षेत्र में उनकी अपनी संस्कृति के अनुसार अलग-अलग लोक नृत्य होते हैं।
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