राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? राष्ट्रपति का वेतन कितना है? राष्ट्रपति के कार्य और अधिकार

राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक माना जाता है. राष्ट्रपति भारत का संवैधानिक प्रधान होता है. भारतीय संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति के हाथों में होता है. परन्तु राष्ट्रपति नाममात्र का कार्यपालिका है, वास्तविक कार्यपालिका देश का प्रधानमंत्री तथा उसका मंत्रिमडल होता है.  तो आज हम आपसे इसी के बारे में बात करेंगे कि Rashtrapati ka Nirvachan Kaun Karta Hai? राष्ट्रपति का वेतन कितना होता है?

भारत का राष्ट्रपति केवल नाममात्र का प्रमुख कार्यपालक होता है. वस्ताविक कार्यपालक देश का प्रधानमंत्री होता है. प्रधानमंत्री मंत्री परिषद् का नेता होता है, वह मत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करता है. साधारण भाषा में कहा जाए तो, राष्ट्रपति एक मोहर के समान होता है, प्रधानमंत्री ही देश का वास्तविक शासक होता है.

राष्ट्रपति किसे कहते हैं? 

भारतीय गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है. राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक है. भारतीय संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से से ही किये जाते हैं. संविधान के अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है. वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी है. देश में आपातकाल, युद्ध, शान्ति की घोषणा भी राष्ट्रपति ही करता है.

संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होता है. लेकिन वह नाममात्र का कार्यपालक होता है, वास्तविक कार्यपालक प्रधानमंत्री होता है. भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है. राष्ट्रपति पद प्राप्त करने का कोई तय सीमा नहीं है, अधिकतम कितनी बार भी राष्ट्रपति पद प्राप्त कर सकते हैं.

राष्ट्रपति के लिए योग्यता 

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक हो.
  • आवेदक का उम्र 35 वर्ष से अधिक होना चाहिए.
  • अभ्यर्थी का नाम मतदाता सूची में हो.
  • उम्मीदवार लोकसभा का सदस्य निर्वाचित किये जाने योग्य हो.
  • उम्मीदवार चुनाव के समय किसी सरकारी पद धारण नहीं करता हो.

राष्ट्रपति का निर्वाचन कौन करता है? 

भारतीय राष्ट्रपति का निवार्चन या चुनाव संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्य सभा तथा विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य करते हैं. निर्वाचन आयोग राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष ढंग से करता है. अत: राष्ट्रपति का निर्वाचन गुप्त मतदान के द्वारा होता है.

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? 

भारत में राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है. इनका चुनाव निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है. जिसमें भारतीय संसद के दोनो सदनों लोक सभा और राज्य सभा तथा राज्य के सभी विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं.

चुनाव प्रणाली में मत आवण्टित करने के लिए एक फार्मूला का इस्तेमाल किया गया है. ताकि हर राज्य की जनसंख्या और उस राज्य से विधानसभा के सदस्यों द्वारा मत डालने की संख्या के बीच एक अनुपात रहे. अगर किसी वजह से किसी भी उम्मीदवार को बहुमत प्राप्त नहीं होती है, तो एक स्थापित प्रणाली है जिससे हारने वाले उम्मीदवारों को प्रतियोगिता से हटा दिया जाता है. हराने वाले उम्मीदवारों के मिले मत अन्य उम्मीदवारों के बीच तब तक हस्तान्तरित होता है, जब तक किसी एक उम्मीदवार को बहुमत नहीं प्राप्त हो जाता.

पद-धारण करने से पूर्व राष्ट्रपति को एक निर्धारित प्रपत्र पर भारत के मुख्य न्यायाधीश अथवा उनकी अनुपस्थिति में उच्चतम नयायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीशों के सम्मुख शपथ लेना पड़ता है. राष्ट्रपति के निर्वाचन से सम्बंधित विवादों का निपटारा उच्चतम न्यायालय द्वारा किया जाता है. निर्वाचन अवैध घोषित होने पर उसके द्वारा किये गए कार्य अवैध नहीं होते हैं.

भारत के राष्ट्रपति का वेतन कितना है?

वर्त्तमान समय में भारत के राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रूपये प्रतिमाह है. वेतन के अलावे उन्हें रहने के लिए सरकारी आवास और अन्य भत्ते मिलता है. इनका वेतन आयकर से मुक्त होता है. राष्ट्रपति के लिए 9 लाख रूपये वार्षिक पेंशन निर्धारित किया गया है. कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रतिमाह पेंशन मिलता है.

राष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है? 

भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष की अवधि का होता है. राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक पद घारण करता है. अपने पद की समाप्ति के बाद भी वह पद पर तब तक बने रहते हैं, जब तक दुसरे राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता.

राष्ट्रपति के कार्य और अधिकार 

नियुक्ति सम्‍बंधी अधिकार:

  • भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति और प्रधानमंत्री की सलाह पर मत्रिपरिषद् के अन्य सदस्यों की नियुक्ति.
  • सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों, राज्यों के राज्यपाल की नियुक्ति.
  • मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, भारत के महानन्यायावादी की नियुक्ति.
  • वित्त आयोग के सदस्यों, भाषा आयोग के सदस्यों, पिछड़ा आयोग के सदस्यों, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों,
  • भारत के राजदूतों एवं राजनयिकों आदि की नियुक्ति करता है.

विधायी शक्तियां 

  • संसद के दोनों सदनों में अभिभाषण करने की शक्ति.
  • लोकसभा भंग करने की शक्ति
  • धन विधयेक, संचित निधि में व्यय करने वाले विधेयक, नए राज्यों का निर्माण और वर्त्तमान राज्य के क्षेत्रों, सीमाओं के नाम में परिवर्तन सम्बन्धी विधेयक प्रस्ताव करने का अधिकार.

संसद में मोनोनीत सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार

राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के लिए सदस्यों का मनोनयन करता है.

अध्‍यादेश जारी करने का अधिकार

संसद के स्थगन के समय राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है, जिसका प्रभाव संसद के अधिनियम के समान होता है.

सैनिक शक्ति

सैन्य बलों की सर्वोच्च शक्ति राष्ट्रपति में निहित है, परन्तु इस शक्ति का प्रयोग नियमित होता है.

राजनैतिक शक्‍ति

दुसरे देश के साथ कोई भी समझौता या संधि करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है.

क्षमादान की शक्ति 

किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के दण्ड को क्षमा करने का अधिकार होता है.

राष्‍ट्रपति की आपातकालीन शक्तियाँ

मंत्रीपरिषद के परामर्श से राष्ट्रपति तीन प्रकार के आपात लागू कर सकता है,

  • युद्ध या बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण लगया गया आपात
  • राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल होने से उत्पन्न आपात
  • वित्तीय आपात

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