क्या आप जानते है कि Tadasana Kaise Karte Hai? ताड़ासन पुरे शरीर को लचीला बनाता है. मांसपेशियों एवं स्नायु के खिंचाव से मांसतंत्र स्वस्थ एवं लचीला बनता है और सूक्ष्म मांसपेशियों की भी मालिश होती है, जिससे पूरा शरीर हल्का और चुस्त होता है.
टखनों, घुटनों, कमर व हाथों के जोड़ों में खिंचाव से जोड़ों के दर में आराम मिलता है व जोड़ खुलकर लचीले व निरोग होते हैं. ताड़ासन करने से बच्चों की लम्बाई में वृद्धि होती है. इस आसन को बच्चे आसानी से कर लेते हैं, लेकिन शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होती है.
तो आज मैं आप सभी को इसी के बारे में बताने जा रही हूँ कि Height Badhane ka Yoga, Tadasana Kaise Karte Hai? अगर आप भी Tiryak Tadasana Benefits in Hindi के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल Tadasana Karne ki Vidhi aur Phayde अंत तक जरुर पढ़ें.
ताड़ासन किसे कहते हैं?
ताड़ासन दो शब्दों ‘ताड’ और ‘आसन’ से मिलकर बना है. ताड़ एक पेड़ का नाम है और आसन मतलब स्थिति होता है. यह पेड़ सीधा, लम्बा और ऊँचा होता है. ताड़ासन को भी इसी पेड़ के नाम से जाना जाता है.
इस आसन में ताड पेड़ की तरह पुरे शरीर को सीधा खड़ा करना होता है एवं खुद को ऊपर की ओर खींचना होता है. इस आसन में शरीर को ऊपर की ओर खींचने से लम्बाई में वृद्धि होती है.
ताड़ासन करने से शरीर में लचीलापन और स्फूर्ति आती है. आसन का अभ्यास सुबह के समय जब पेट हल्का रहता है तब करना चाहिए.
ताड़ासन कैसे करते हैं?
- सबसे पहले आप इसके लिए दोनों पैरों को मिलाकर, सीधे खड़े हो जाएँ और हथेलियों को बगल में सीधा ताने रखें.
- शरीर को स्थिर करें, ध्यान रहे कि पुरे शरीर का वजन दोनों पैरों में बराबर संतुलित हो.
- अब दोनों हाथों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर उठायें, हथेलियाँ समानांतर रखें. उंगलियाँ ऊपर की ओर तनी होनी चाहिए.
- साँस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचे, अपने कंधे और छाती में खिंचाव लायें.
- साथ ही पैरों की एडियों को भी ऊपर उठायें और पंजों, पैरों की अँगुलियों पर शरीर का भार संतुलित करें.
- किसी एक वस्तु पर नजर टिका कर रखें, ताकि संतुलन बनाना आसान होगा. संतुलित स्थिति में 30 सेकंड तक ऐसी स्थिति में बनें रहें.
- उसके बाद धीरे-धीरे साँस छोड़ें और हाथों को वापस निचे करके बगल में लेकर आएं.
- साँस भरते हुए पैर और पुरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आना चाहिए और साँस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएँ.
- यह आसन 5 से 10 बार करें. उसके बाद विश्राम अवश्य करें.
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Tiryak Tadasana Kya Hai?
तिर्यक ताड़ासन भी इस आसन का एक प्रकार है. ताडासन में शरीर को सीधा ऊपर की ओर खींचते हैं, उसी तरह से इस आसन में शरीर को तिर्यक यानि कि तिरछे की ओर खिंचाव करते है. इसमें साँस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए तिर्यक की तरफ (बगल में) झुकना होता है.
Tiryak Tadasana Kaise Karte Hai?
- अब दोनों हाथों की उँगलियों को आपस में फंसाकर, साँस भरते हुए ऊपर की ओर तानें, हाथ सिर के ऊपर हों और बाजू कानों से सटे हुए हों.
- हाथों में खिंचाव रखते हुए दायीं और झुकें. साँस रोके हुए 20 सेकंड तक रुकें.
- साँस भरते हुए सीधे हों और साँस छोड़ते हुए बायीं ओर झुकें.वापस साँस छोड़ते हुए शरीर को स्थिर रखते हुए, वापस हाथों की उँगलियों को छोड़ते हुए ताड़ासन में आएं.
- सामान्य स्थिति में आ जाएँ और विश्राम करें,ध्यान रहें कि हमें सिर्फ बगल में झुकना है आगे या पीछे नहीं.
तिर्यक ताड़ासन के फ़ायदे
- ताड़ासन बच्चों की ऊंचाई बढ़ाने के लिये सर्वश्रेष्ट है. 6 से18 साल के बच्चों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद होता है. इसलिए Tadasana ko Height Badhane ka Yoga कहा जाता है.
- ताड़ासन पीठ दर्द के लिए लाभकारी है.
- रीढ़ की हड्डियों में खिंचाव आने से स्पाइन व spinal cord सशक्त होते है.
- शरीर के नसों का दर्द समाप्त होता है, जिससे नसें मजबूत एवं सबल होती है.
- मांसपेशियों की ऐंठन एवं मरोड़ को दूर किया जा सकता है.
- घुटनों के दर्द को दूर करने के लिए भी लाभकारी है.इसके लिए तलवे पूरी तरह जमीन पर ही रख कर करें.
- ताड़ासन करने से शरीर में स्थिरता एवं संतुलन बढ़ता है. पैर मजबूत होते हैं और पैरों की समस्याएँ जैसे- दर्द, सुजन, एवं जलन आदि से राहत मिलती है.
ताड़ासन करते समय सावधानियाँ
- गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए.
- घुटनों में बहुत दिनों से दर्द हो, तो ताड़ासन न करें.
- नए सीखने वाले पैरों की उँगलियों को जमीन पर रखकर ही अभ्यास करें, पंजों को उठाकर नहीं.
- रक्तचाप (blood pressure) अधिक या कम हो, तो इस आसन को नहीं करना चाहिए.
- हर्निया, सर्वाइकल व गर्दन दर्द के मरीज भी इस आसन को न करें, और कहीं भी दर्द हो, तो तुरंत ताड़ासन को करना छोड़ दें.