परिश्रम का महत्त्व पर निबंध (जहाँ चाह, वहाँ राह) मन के हारे हार है, मन के जीते जीत!

Parishram ka Mahatva

कोई भी मनुष्य हारता तभी है, जब उसका मन हार जाता है, जब उसका आत्मविश्वास डगमगा जाता है। हार या पराजय का मनोविज्ञान यही है। निराशा और भय, हार जाने …

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