रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां और विशेषताएँ
रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां हैं: वीरता, आलंकारिकता, छंद विधान, प्रकृति चित्रण, नीति, शिल्प, और भक्ति भावना। रीतिकाव्य की प्रवृत्तियाँ जैसा कि आप जानते हैं कि रीतिकालीन साहित्य का निर्माण दरबारी वातावरण में हुआ। इसीलिए तत्कालीन दरबारी कवि ने राजाओं की प्रशंसा हेतु इन कवियों ने विलासी आश्रयदाताओं की मनोवृत्ति के अनुकूल श्रृंगारिक एवं आलंकारिक …