शैली की दृष्टि से निबंध के प्रकार: वर्णनात्मक, विवरणात्मक, विचारात्मक एवं भावात्मक निबंध

निबंध वह रचना है जिसमें किसी विषय पर कोई लेखक सीमित समय और सीमित शब्दों में अपना क्रमबद्ध विचार व्यक्त करता है। एक सुसंगठित निबंध लिखने में दो वस्तुओं की आवश्यकता होती है, सामग्री और शैली। शैली का अर्थ किसी काम को करने का ढंग या तरीक़ा से है, और निबंध लेखन की शैली किस तरह है उसके आधार पर अलग-अलग प्रकार के निबंध हो सकते हैं। और आज आप इसी के बारे में जानने वाले हैं कि शैली की दृष्टि से निबंध के प्रकार कितने हैं?

निबंध के प्रकार कितने हैं?

शैली की दृष्टि से निबंध चार प्रकार के होते हैं।

  • वर्णनात्मक निबंध
  • विवरणात्मक निबंध
  • विचारात्मक निबंध
  • भावात्मक निबंध

वर्णनात्मक निबंध किसे कहते हैं?

जिस निबंध में किसी वस्तु विशेष का सजीव वर्णन होता है, उसे वर्णनात्मक निबंध कहते हैं। लोगों को वर्णन के द्वारा ही वस्तु का दर्शन कराने की कोशिश की जाती है। इस प्रकार के निबंधों में देखे-सुने गए स्थानों, त्योहारों, वस्तुओं, या प्राकृतिक दृश्यों आदि का वर्णन होता है।

वर्णनात्मक निबंध में प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों प्रकार की वस्तुओं का समावेश होता है। इस तरह के निबंध लेखन में सूक्ष्म निरीक्षण-शक्ति तथा कुशल कल्पना की आवश्यकता होती है।

विवरणात्मक निबंध क्या होता है?

विवरणात्मक निबंध में घटनाओं या व्यक्ति के जीवन का क्रमबद्ध विवरण दिया जाता है। इनमें बीती हुई घटनाओं, युद्ध कथाओं, जीवनियों, पौराणिक वृतांतों आदि के दर्शन होते हैं।

इस प्रकार के निबंधों मरण क्रमबद्धता की ओर अधिक ध्यान दिया जाता है। जो घटना पहले हुई हो उसका वर्णन पहले, जो घटना के मध्य में हुई हो उसका वर्णन मध्य में और जो घटना अंत में हुई हो, उसका वर्णन अंत में किया जाता है। कोशिश की जाती है कि इस प्रकार के निबंधों में इतिहास की नीरसता न आए, साथ ही विवरण सरल और आकर्षक हो जिससे पाठकों की रुचि निबंध पढ़ने में बनी रहे।

विचारात्मक निबंध किसे कहते हैं?

जिस निबंध में विचार अथवा बुद्धि की प्रधानता रहती है, उसे विचारात्मक निबंध कहते हैं। इसमें अक्सर आकारविहीन समस्याएँ आती हैं जिनमें तर्क व्याख्या का समावेश होता है। इन निबंधों में लेखक किसी विषय पर अपनी सहमति प्रकट करता है और अपने तर्कों एवं दृष्टांतों से उसे प्रमाणित भी करता है।

विचारात्मक निबंध लिखने के लिए विषय-संबंधी ज्ञान और लिखने की योग्यता अत्यंत आवश्यक है। गंभीर अध्ययन और चिंतन के अभाव में विचारात्मक निबंध नहीं लिखे जा सकते हैं। ऐसे निबंधों की भाषा स्वतः कुछ कठिन और गूढ़ हो जाती है, लेकिन फिर भी लेखक अपनी भाषा में प्रभावोत्पादकता के साथ सरलता लाने का प्रयत्न करता है।

भावात्मक निबंध क्या होता है?

भावात्मक निबंध में भावों की प्रधानता रहती है, और इसमें लेखक अपने ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर विषयवस्तु के बारे में चिंतन कर अपने विचारों और भावों को निबंध का रूप देता है। इस तरह के निबंध से लेखक लोगों के हृदय को प्रभावित करने की कोशिश करता है और इसमें लेखक की आत्मीयता भी झलकती है।

किसी भाव, विचार, कथन या सूक्ति आदि विषयवस्तुओं पर लिखे गए निबंध भावात्मक निबंध कहलाते हैं। ‘यदि आप प्रधानमंत्री होते तो क्या करते’ जैसे कल्पना प्रधान निबंध भी भावात्मक निबंध की श्रेणी में आते हैं और इनमें लेखक अपनी कल्पना और अनुभूति के आधार पर विषय के प्रति अपना दृष्टिकोण रखता है।

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