एकांकी किसे कहते हैं? एकांकी और नाटक में अंतर क्या है?

Ekanki Kise Kahte Hai

रंगमंच पर आपने कई नाटक देखे होंगे। अब नाटक भी अलग-अलग तरह के होते हैं, और एकांकी भी एक तरह का नाटक ही है। और आज हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे कि एकांकी किसे कहते हैं? एकांकी और नाटक में अंतर क्या होता है, और एकांकी की विशेषताएँ क्या-क्या हैं? सबसे …

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नाटक किसे कहते हैं? नाटक के प्रमुख तत्त्व और विशेषता

Natak Kise Kahte Hai

आप सभी ने नाटक ज़रूर देखा होगा। अभिनय के माध्यम से समाज एवं व्यक्ति के चरित्रों का प्रदर्शन ही ‘नाटक’ कहलाता है। यह दृश्य काव्य के अंतर्गत आता है जो रंगमंच का विषय है। इसका उद्देश्य शिक्षण और मनोरंजन के साथ-साथ मानवीय संवेदना, समस्या एवं समाज के यथार्थ का चित्रण करना है। और आज हम …

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हिंदी कहानी का उद्भव और विकास: पुरानी और नयी कहानी का इतिहास

Hindi Kahani ka Udbhav aur Vikas

कहानियाँ तो आप सभी ने सुनी होंगी, लेकिन क्या आपको पता है कि हिन्दी साहित्य में ‘कहानी’ पूरा एक महत्त्वपूर्ण भाग है। और आज हम हिन्दी कहानी के उद्भव और विकास के बारे में तो बात करेंगे ही, साथी ही अलग-अलग कहानीकार के समय की स्थितियाँ भी जानेंगे कि हिन्दी कहानी का इतिहास क्या है? …

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रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ, रचनाएँ और प्रवृत्तियाँ: रीतिकाल क्या है?

रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य के इतिहास को चार भागों में विभाजित किया है- वीरगाथाकाल, भक्तिकाल, रितिकाल तथा आधुनिक काल। और आज हम रीतिकालीन काव्यों की प्रमुख विशेषताएँ, रचनाएँ और प्रवृत्तियों के बारे में बात करेंगे, जो हिंदी साहित्य के इतिहास के विभाजन के अनुसार संवत् 1700 से 1900 तक का समय रीतिकाल में …

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भक्ति काल किसे कहते हैं? स्वर्ण-युग भक्तिकाल का समय, विभाजन, प्रमुख कवि और विशेषताएँ

Bhaktikaal Kya Hai

हिन्दी साहित्य में आपने कई तरह के काल के बारे में सुना होगा, जैसे भक्तिकाल, रीतिकाल, आदि। दरअसल, आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य के इतिहास को चार भागों में विभाजित किया है- वीरगाथाकाल, भक्तिकाल, रितिकाल तथा आधुनिक काल। और आज हम हिंदी साहित्य के स्वर्ण युग, भक्तिकाल का समय, विभाजन, प्रमुख कवि और विशेषताएँ के …

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भाषा क्या है? भाषा किसे कहते हैं? भाषा का महत्त्व, प्रकृति और विशेषताएँ

Bhasha ka Mahatv

भाषा विचारों, भावों के आदान-प्रदान का एक माध्यम है. भाषा के द्वारा हम अपनी भावों, विचारों को दुसरे तक पहुंचाते हैं. यह भावों के विचार-विनिमय का साधन है. भाषा के बिना मनुष्य ‘पशु’ के समान है, भाषा के कारण ही मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्राणी है. भाषा का आविष्कार व विकास मनुष्य का विकास है. मनुष्य के …

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हिंदी उपन्यास का उद्भव, विकास और साहित्य: Hindi Upanyas की विशेषताएँ और प्रमुख प्रवृत्तियाँ

Hindi Upanyas

उपन्यास गद्य-लेखन की एक विधा है, जिसके लेखन में प्रमुख तौर पर सामाजिक जीवन की व्याख्या होती है। आज के इन विस्तृत लेख में हम हिन्दी उपन्यास के उद्भव और विकास के बारे में तो बात करेंगे ही, साथ ही हिंदी उपन्यास की पृष्ठभूमि, विशेषताओं और प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख करेंगे। हिन्दी उपन्यास की पृष्ठभूमि …

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मानक भाषा किसे कहते हैं? मानक भाषा की परिभाषा, विशेषता, आवश्यकता, लक्षण और प्रमुख तत्त्व

मानक भाषा किसे कहते हैं

भाषा वह साधन है जिसके माध्यम से हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। भाषा कई प्रकार के होते हैं, जैसे राष्ट्रभाषा, राजभाषा, सम्पर्क भाषा, मानक भाषा, जनभाषा, आदि। और आज हम मानक भाषा की परिभाषा, विशेषता, आवश्यकता, लक्षण और प्रमुख तत्त्व के साथ बात करेंगे कि मानक भाषा किसे कहते हैं? मानक भाषा को …

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राजभाषा के रूप में हिंदी की स्थिति पर विचार कीजिए।

राजभाषा के रूप में हिंदी

राजभाषा के नाम से ही आपको मालूम पड़ रहा होगा कि यह राज्य की भाषा होगी। साहित्यिक अन्दाज़ में कहें तो राजभाषा उस भाषा को कहते हैं जो राजकाज में प्रयोग किया जाता हो। और आज हम राजभाषा के रूप में हिंदी की स्थिति के बारे में विस्तार से बात करेंगे। किसी क्षेत्र विशेष के …

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संपर्क भाषा क्या होता है? परिभाषा, परिचय, विशेषताएँ और सम्पर्क भाषा के रूप में हिंदी

सम्पर्क भाषा किसे कहते हैं?

भाषा वह साधन है जिसके माध्यम से हम अपने विचारों को अपने आसपास के लोगों के साथ आदान-प्रदान करते हैं। यह किसी एक व्यक्ति की सम्पत्ति नहीं है, बल्कि यह तो समाज की उपज है। अब भाषा भी के भी कई प्रकार हैं, जैसे राष्ट्रभाषा, राजभाषा, जनभाषा, सम्पर्क भाषा, आदि। और आज हम इसी के …

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