सभी बच्चे स्कूल जाए और वहां उन्हें उचित शिक्षा मिले. इस उद्देश्य से भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 तैयार की है. शिक्षा नीति यानि एजुकेशन पालिसी होता है. जो बच्चों की उचित शिक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनायीं जाती हैं. शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था का पैटर्न तैयार किया जाता है.उस शिक्षा व्यवस्था के पैटर्न को पूरे देश में लागू किया जाता है. अब आपके मन में सवाल होगा कि आखिर ये Nayi Shiksha Niti 2020 Kya Hai? तो आज हम आपसे नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु के बारे में बात करेंगे.
भारत के वर्त्तमान प्रधानमंत्री शिक्षा नीति में संशोधन करके नयी शिक्षा नीति 2020 तैयार की है. नई शिक्षा नीति 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है. नई शिक्षा नीति में पूर्व प्राथमिक स्तर यानि प्ले स्कूल की शिक्षा को जोड़ा गया है. बच्चों को शुरुआत के तीन साल प्ले स्कूल की तरह शिक्षा दिया जायेगा. और दूसरी कक्षा तक बच्चों को परीक्षा से मुक्त किया गया है.
शिक्षा नीति किसे कहते है?
एजुकेशन पालिसी को हिंदी में शिक्षा नीति कहते हैं. यह नीति बच्चों को उचित शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बनायीं जाती है. शिक्षा नीति केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाता है. शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था का पैटर्न तैयार किया जाता है.उस शिक्षा व्यवस्था के पैटर्न को पूरे देश में लागू किया जाता है. इसलिए इसे शिक्षा नीति कहा जाता है. भारत में सबसे पहले 1968 में शिक्षा नीति बनायीं गयी थी. उसके बाद उसमें संशोधन करके नई शिक्षा नीति, 1986 लायी गयी. अब तक भारत की शिक्षा नीति में तीन बार संशोधन किया गया है. हाल ही में केंद्र सरकार शिक्षा नीति में संशोधन करके नई शिक्षा नीति, 2020 तैयार की है.
New Education Policy 2020 in Hindi
नई शिक्षा नीति 2020, भारत की नई शिक्षा नीति है जो 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है. जिसे भारत सरकार ने 29 जुलाई 2020 को घोषित की है. 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया संशोधन है. भारत में कुल 34 वर्षों के बाद शिक्षा नीति में बदलाव करके New Education Policy 2020 तैयार किया गया है. उसमें भी अभी केवल शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार किया गया है, इसे लागु करने में कई वर्ष लग सकते हैं. यह शिक्षा नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है.
2020 की नई शिक्षा नीति के तहत ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम परिवर्तित करके केवल ‘शिक्षा मंत्रालय’ रखा गया है. पुरानी शिक्षा नीति के तहत 6 वर्ष की आयु में बच्चों को स्कूल में दाखिल किया जाता है. उसमें बदलाव किया गया, नई शिक्षा नीति के तहत 3 वर्ष की आयु में ही बच्चों को स्कूल में दाखिल किया जायेगा. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पूर्व-प्राथमिक स्तर की शिक्षा को शामिल किया गया है. पूर्व-प्राथमिक स्तर की शिक्षा तीन वर्ष तक दी जाएगी, जिसमें बच्चों को प्ले स्कूल की तरह खेल-खेल में शिक्षा दिया जायेगा. बच्चों को किताब-कॉपी नहीं लेकर जाना होगा. इससे बच्चों को बस्ता का भारी वजन नहीं ढोना पड़ेगा.
New Education Policy 2020 Kya Hai?
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों में 10 +2 प्रोग्राम के स्थान पर 5 +3+3+4 प्रोग्राम को शामिल किया गया. इसी पैटर्न पर बच्चों को शिक्षा प्रदान किया जायेगा. अब आप सोच रहे होंगे कि ये 5+3+3+4 प्रोग्राम क्या है. इसका मतलब यह है कि नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा चार स्टेज में दी जाएगी. पांच वर्ष की शिक्षा फाउंडेशन स्टेज में, उसके बाद की तीन वर्ष की शिक्षा प्रिपरेटरी स्टेज, दूसरा तीन साल मिडिल स्टेज और अंतिम चार वर्ष सीनियर सेकेंडरी स्टेज में आएगा.
5 वर्ष-Foundation Stage (Pre-Primary और class 1, 2 तक)
शुरुआत की पांच वर्ष फाउंडेशन स्टेज कहलायेगा. इस स्टेज में प्री-प्राइमरी स्कूल (Play School) की शिक्षा तीन साल तक तथा कक्षा 1 और कक्षा 2 की पढाई होगी. पहले जहां सरकारी स्कूल में दाखिला 6 वर्ष में होता था, वहीँ अब 3 साल में ही बच्चों का नामांकन होगा. तीन वर्ष की आयु में बच्चों का नामांकन होगा. तीन साल तक पूर्व-प्राथमिक स्कूल की पढाई होगी औरदो साल कक्षा एक और दो कक्षा की पढाई होगी. इस स्टेज में बच्चों को परीक्षा नहीं देना होगा. शुरुआत के पांच वर्षों में परीक्षा नहीं होगा. इससे बच्चे में परीक्षा का भय, डर नहीं होगा.
3 वर्ष -Preparatory Stage (class 3, 4, 5)
फाउंडेशन स्टेज पूरी करने के बाद इस स्टेज में बच्चा तीन कक्षा में आएगा. इस स्टेज में बच्चा तीन साल तक रहेगा यानि कक्षा तीन, चार और कक्षा पांचवीं (कक्षा 3, 4, 5) तक की पढाई होगी. इस स्टेज तक बच्चों को मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान किया जायेगा. इसी स्टेज में बच्चे का एग्जाम शुरू होगा यानि कि कक्षा तीन से बच्चों को परीक्षा देनी होगी.
दूसरा 3 वर्ष -Middle Stage (class 6, 7, 8)
पांचवीं कक्षा तक की पढाई पूरी करने के बाद बच्चा मिडिल स्टेज में आएगा. इस स्टेज में बच्चा कक्षा 6 में आएगा एवं तीन साल तक इसी स्टेज में रहेगा, यानि मिडिल स्टेज में बच्चा कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं (Class 6-8) तक रहेगा. इस स्टेज में बच्चे को व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Training) दिया जायेगा. जैसे, कंप्यूटर ट्रेनिंग, कोडिंग, सिलाई, बुनाई, बढई कार्य आदि का ट्रेनिंग दिया जायेगा. इस स्टेज में पढाई किसी भी भारतीय भाषा में दी जाएगी.
4 वर्ष -Secondary Stage (class 9, 10, 11, 12)
मिडिल स्टेज के बाद बच्चा सेकेंडरी स्टेज में जायेगा. यह स्टेज कक्षा नौवीं से बारहवीं तक का होगा. इस स्टेज में बच्चा 9 क्लास में आएगा, और बारहवीं कक्षा तक रहेगा. इसमें बच्चा जिस सब्जेक्ट की पढाई करना चाहता है, वह सब्जेक्ट रख सकता है. साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स इन सभी स्ट्रीम को हटा दिया गया है. Multiple subject का प्रावधान है, कोई भी स्ट्रीम नहीं होगा. बच्चा जो सब्जेक्ट पढना चाहता है, वह सब्जेक्ट रख सकता है. जैसे- अगर बच्चा को साइंस सब्जेक्ट अच्छा लगता है, तो एक साइंस का विषय, सामाजिक विज्ञान अच्छा लगता है, तो एक सामाजिक विज्ञान यानि इतिहास, भूगोल का विषय रख सकता है.
एग्जाम पैटर्न में परिवर्तन किया गया है. पहले 9 से 12 तक वार्षिक परीक्षा होती थी. नयी शिक्षा नीति के तहत नौ से बारहवीं कक्षा की परीक्षा सेमेस्टर में होगा. प्रत्येक छः महीने में एक सेमेस्टर की परीक्षा होगी. इस स्टेज में एक विदेशी भाषा यानि फॉरेन लैंग्वेज की शिक्षा दी जाएगी.
नई शिक्षा नीति 2020 क्या है?
अब आप सोच रहे होंगे कि बारहवीं तक की पढाई इन चार स्टेज में होगी, तो ग्रेजुएशन डिग्री की शिक्षा किस प्रक्रिया में होगी. तो मैं आपको बता दूँ कि स्नातक यानि बी.ए (Graduation) 3 वर्ष की डिग्री. नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत ग्रेजुएशन डिग्री 4 वर्ष की होगी. प्रत्येक वर्ष के लिए अलग-अलग प्रमाण-पत्र दिया जायेगा. जैसे-
- 1 वर्ष की पढाई करने के बाद ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट दिया जायेगा.
- 2 साल पढाई करने के बाद ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रमाण पत्र दिया जायेगा.
- 3 वर्ष तक पढाई करने वाले को ग्रेजुएशन डिग्री मिलेगा.
- 4 वर्ष का स्नातक करने वाले को रिसर्च यानि शोध ग्रेजुएशन प्रमाण पत्र दिया जायेगा.
इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा. जैसे अगर कोई बच्चा एक साल स्नातक की पढाई करता है, तो उसे ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट दिया जायेगा. और दो वर्ष स्नातक की पढाई करता है, तो उसे ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्राप्त होगा. उसके बाद अगर वह किसी कारणवश पढाई छोड़ देता है. उसके बाद फिर एक या दो वर्ष के बाद ग्रेजुएशन की पढाई पूरी करना चाहता है. तो उसे फिर से प्रथम वर्ष में एडमिशन नहीं लेना होगा. उसे सीधा स्नातक 3rd year में एडमिशन मिल जायेगा. क्योंकि पहले से उसके पास दो वर्ष का प्रमाण पत्र है.
अगर पीजी यानि Post Graduation की बात करें, तो यह 1/2 वर्ष का होगा. आप एक या दो वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. लेकिन इसमें भी कुछ नियम है. जैसे- अगर आप तीन वर्ष का स्नातक डिग्री कोर्स किये है और आप पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते हैं, तो आपको दो वर्ष का स्नातकोत्तर डिग्री करना होगा.केवल चार वर्षीय ग्रेजुएशन करने वालों को 1 वर्षीय स्नातकोत्तर में प्रवेश मिलेगा. 2020 की नयी शिक्षा नीति के तहत पीएचडी (PhD) कुल चार वर्ष की होगी.
नयी शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य, उद्देश्य
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात 100 प्रतिशत करना.
- पाँचवीं कक्षा तक की शिक्षा मातृभाषा/स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध करवाना.
- मातृभाषा को कक्षा-8 और उससे आगे की शिक्षा के लिए प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है.
- इस नीति के तहत 3 से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंतर्गत रखा गया है.
- न्यू एजुकेशन पालिसी 2020 का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है.
- 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (3 से 6 वर्ष की आयु सीमा) को सार्वभौमिक बनाना.
- इसके अन्तर्गत शिक्षा क्षेत्र पर सकल घरेलू उत्पाद के 6% हिस्से को सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है.
- देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए ‘भारतीय उच्च शिक्षा परिषद’ नामक एक एकल नियामक की परिकल्पना की गई.
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