चना सत्तू पीने के फ़ायदे: सत्तू कैसे बनाते हैं? Benefits of Sattu in Hindi

तपती गर्मी ने सभी को अपनी आगोश में ले लिया है। लोग पसीने और थकान से निढाल हो रहे हैं और पंखें, कूलर, AC आदि सब फेल हो रहे हैं। इस गर्मी से निजात पाने के सबके अपने-अपने तरीके हैं। उत्तर भारत में लोग सत्तू का सेवन पसंद करते हैं। इसमें प्रोटीन और कैल्शियम की प्रचुरता होने के साथ ही यह सुपाच्य भी होता है। आइए जानते हैं कि चना सत्तू पीने के फ़ायदे क्या हैं? सत्तू कैसे बनाते हैं?

सत्तू क्या होता है?

सत्तू एक प्रकार का सूखा चूर्ण पदार्थ है। इसे बालू में भूने हुए चना, मकई या जौ को आटा-चक्की में पीस कर बनाया जाता है। खान-पान की दृष्टि से इसे कई तरह से प्रयुक्त किया जाता है।

आप चाहें, तो इसे नमक या शक्कर के साथ घोल कर पिएं, चाहें तो इसे पानी, नमक, प्याज और हरी मिर्च के साथ आटे की तरह गूँथ कर खाएं या फिर इसे आटे में भर कर इसकी लिट्टी बनाएं और गरमागरम बैंगन-टमाटर की चटनी के साथ खाएं।

सत्तू कैसे बनाते हैं?

सत्तू बनाने के लिए सबसे पहले आपको चना को कुछ घंटे पानी में भिगोने के बाद उसे बालू में हल्का भूनना होता है। फिर उसका छिलका हटाकर मिल में या अपने घर में मिक्सर से पिस लेना है। बस हो गया सत्तू तैयार!

अब आप इसे पानी में मिलाकर पी सकते हैं, या आता की तरह गूँथकर खा सकते हैं। इसके अलावा आप सत्तू से कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन भी बना सकते हैं, जैसे – सत्तू की कचौड़ी, सत्तू का परांठा, सत्तू के लड्डू, सत्तू का नमकीन या मीठा शरबत आदि।

चना सत्तू पीने के फ़ायदे

  • चना सत्तू पीने से सबसे पहले तो आपका पाचन-तंत्र सही हो जाता है।
  • यह शरीर में ऊर्जा की कमी होने पर तुरंत उसकी पूर्ति करता है।
  • गर्मी के दिनों में सत्तू का सेवन करना गर्मी के दुष्प्रभाव एवं लू की चपेट से बचाता है।
  • सत्तू खाने या पिने से लम्बे समय तक भूख नहीं लगती। इस तरह यह वजन कम करने में मदद करता है।
  • मधुमेह रोग तथा मोटापे से निजात दिलाने में सत्तू फायदेमंद है।
  • एनीमिया के मरीजों को भी रोजाना सत्तू के शरबत सेवन से लाभ मिलता है।
  • Blood Pressure के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभदायक है। यह लीवर को भी मजबूत बनाता है।
  • सत्तू प्रोटीन का बढ़िया स्रोत है। यह कब्ज, acidity, गैस, अपच सहित पेट की तमाम समस्याओं को ठीक करने में भी सहायक है।

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