5 June को ही विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है? World Environment Day Theme and Message

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण यानी जो हमारे चारों ओर विद्यमान है। प्रकृति ने हमारे लिए एक स्वस्थ एवं सुखद पर्यावरण का निर्माण किया था, लेकिन मनुष्य ने अपने भौतिक सुखों की होड़ में उसे दूषित कर दिया है।

आज पर्यावरण प्रदूषण भारत की ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की एक गंभीर समस्या बन गया है। और इसी के निपटने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 June को World Environment Day मनाया जाता है ताकि इसके प्रति हम पूरे विश्व को जागरूक कर सकें और समय रहते अपने अमूल्य पर्यावरण को बचा सकें। आइए जानते हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस 2022 का थीम क्या है?

5 June को क्या मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है जिसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता जगाने के लिए किया जाता है। यह पर्यावरण संरक्षण के संबंध में सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है जिसमें हर साल 143 से भी अधिक देश भाग लेते हैं और इसमें कई सरकारी, व्यावसायिक और सामाजिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के विषय पर बात करते हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस 2022 का थीम

विश्व पर्यावरण दिवस का थीम हर साल अलग होता है, जैसे World Environment Day 2022 Theme है Only One Earth और इसका आयोजन स्वीडन में किया जा रहा है। इसके पहले विश्व पर्यावरण दिवस के थीम थे, Ecosystem Restoration, Time for Nature, Beat Air Pollution, Green Economy, etc.

Only One Earth यह जो विश्व पर्यावरण दिवस का थीम है इसका फ़ोकस प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर sustainable living पर है। इसका मतलब यह है कि हर ऐसे रहेंगे जिससे प्रकृति पर किसी भी तरह का कोई बुरा प्रभाव न हों। और पर्यावरण का मतलब ही तो वो दशा है जो वस्तुओं व मनुष्यों को चारों ओर से घेरे रहती हैं तथा उसे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर संदेश

मानव, जीव-जंतु, पेड़-पौधों सभी के स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण की ज़रूरत है, और जिस तरह से पर्यावरण दूषित हो रहा है, जिस तरह से इसका दोहन किया जा रहा है, पर्यावरण को संरक्षित करने की बहुत ही ज़्यादा ज़रूरत है। पर्यावरण को हमेशा जिस उपयोगितावादी दृष्टिकोण से देखा जाता है, हमें उस सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।

अगर हम व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो पर्यावरण को हानि पहुँचाकर हम स्वयं को ही नष्ट कर रहे हैं। हमें गम्भीरता से इस बात पर ज़ोर देना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं? क्या उन्हें एक स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण में जीने का हक़ नहीं है? अगर हम पर्यावरण की गुणवत्ता सुधारना चाहते हैं, पर्यावरण को संरक्षित करना चाहते हैं तो उसका एकमात्र रास्ता है कि हर एक व्यक्ति को इसके प्रति जागरूक किया जाए।

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