प्रधानमंत्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है. प्रधानमंत्री का पद भारत के संघीय सरकार का प्रमुख पद है. वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख और योजना आयोग का अध्यक्ष होता है. राष्ट्रपति देश का प्रमुख कर्यापालिका होता है, परन्तु वास्तविक कार्यपालक प्रधानमंत्री होता है. राष्ट्रपति की सभी कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति प्रधानमन्त्री को दिया गया है. यह जानने के बाद आपके मन में सवाल होगा कि Pradhanmantri ki Niyukti Kaun Karta Hai? प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे होता है?
तो आज हम आपसे इसी के बारे में बात करेंगे कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है? प्रधानमंत्री की शक्तियां और कार्य क्या है? भारत का प्रधानमंत्री लोकसभा के बहुमत-धारी दल का नेता होता है. लोकसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित किया जाता है और इनकी नियुक्ति देश का राष्ट्रपति करता है.
प्रधानमंत्री किसे कहते है?
केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद के प्रमुख मंत्री या नेता को प्रधानमंत्री कहा जाता है. प्रधानमंत्री लोकसभा के बहुमत-धारी दल का नेता और संसद का सदस्य होता है. प्रधानमंत्री का देश का वास्तविक कार्यपालिका होता है. इनका पद राजनैतिक होता है, इन्हें सरकार की कार्यकारिणी का संचालन करने का अधिकार है. प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का निर्माण करता है और मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है. यह देश के राष्ट्रपति का प्रमुख सलाहकार होता है.
प्रधानमंत्री के लिए योग्यता
- उम्मीदवार भारत देश का नागरिक हो.
- आवेदक की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष या इससे अधिक होना चाहिए.
- अभ्यर्थी का नाम मतदाता सूची में हो.
- उम्मीदवार भारतीय संसद में लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य हो.
- दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्यता प्राप्त होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है?
राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है. देश का राष्ट्रपति लोकसभा के बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित करता है. बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए भारत का राष्ट्रपति शपथ दिलवाता है, राष्ट्रपति भवन पर देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के समक्ष शपथ ग्रहण करते हैं.
भारत में प्रधानमंत्री के निर्वाचन के लिए प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा मतदान होता है. इस प्रत्यक्ष मतदान में जिस दल को बहुमत प्राप्त होता है उस दल के नेता को राष्ट्रपति के द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाती है. बहुमत दल का नेता प्रधानमंत्री के रूप में देश का प्रशासन राष्ट्रपति के नाम पर चलाता है.
प्रधानमंत्री की नियुक्ति कैसे होती है?
संसदीय आमचुनाव (लोकसभा चुनाव) के परिणामों के आधार पर भारतीय प्रधानमंत्री की नियुक्ति होती है. लोकसभा चुनाव के बहुमत-धारी दल के नेता को प्रधानमन्त्री के रूप में नियुक्त किया जाता है. लोकसभा चुनाव में जिस दल या पार्टी को बहुमत प्राप्त होता है, उस दल के नेता को राष्ट्रपति देश के प्रधानमन्त्री पद लिए आमंत्रित करता है और उस नेता शपथ दिलवाता है.
बहुमत प्राप्त दल के नेता को स्वंय लोकसभा का सांसद होना अनिवार्य है. परंतु उन्हें लोकसभा में बहुमत सिद्ध करना होता है या नियुक्ति के छह माह के भीतर संसद का सदस्य बनना पड़ता है. लोकसभा के सदस्यों को 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के व्यक्तियों के द्वारा प्रत्यक्ष मतदान के द्वारा चुना जाता है. चुनाव में जिस दल को बहुमत प्राप्त होता है, उस दल के नेता को राष्ट्रपति द्वारा प्रधान मंत्री पद के लिए आमंत्रित किया जाता है. इसके बाद राष्ट्रपति बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करवाता है. इस प्रकार से प्रधानमंत्री की नियुक्ति प्रत्यक्ष मतदान के द्वारा होता है.
प्रधानमंत्री का वेतन कितना है?
प्रधानमंत्री का वेतन 1,60,000 रूपये प्रतिमाह होता है. इसमें दैनिक भत्ते, व्यय भत्ते, निर्वाचन भत्ते और बेसिक सैलरी शामिल होता है. बेसिक सैलरी के रूप में 50 हज़ार, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 45 हज़ार रूपये, रोजाना 2 हज़ार रूपये एवं व्यय भत्ते के लिए 3 हज़ार रूपये निर्धारित किया जाता है,
प्रधानमंत्री की शक्तियां और कार्य
- प्रधानमंत्री मत्रिमंडल का गठन करता है. और मत्रिमंडल की सूची राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करता है.
- विभिन्न विभागों में मंत्रियों की नियुक्ति के लिए अपने दल के सदस्यों का नाम राष्ट्रपति को भेजता है.
- राष्ट्रपति केवल उन्हीं लोगों को मंत्री बना सकता है, जिन व्यक्तियों के नाम की सिफारिश प्रधानमंत्री करता है.
- किस मंत्री को कौन-सा विभाग दिया जायेगा, यह भी प्रधानमंत्री ही तय करता है.
- मंत्रियों के आवंटित विभागों में फेरबदल भी कर सकता है.
- भारत का प्रधानमंत्री मंत्रीपरिषद् की बैठक की अध्यक्षता करता है और बैठक में स्वंय निर्णय भी लेता है.
- सभी मंत्रियों की गतिविधियों, कार्यों को नियंत्रित और निर्देशित भी करता है.
- किसी मंत्री बर्खास्त करने या त्यागपत्र देने की सलाह की राष्ट्रपति को दे सकता है.
- लोकसभा भंग करके नए सिरे से चुनाव करवाने की सलाह भी राष्ट्रपति को दे सकता है.
- स्वंय प्रधानमंत्री त्यागपत्र देकर पूरे मंत्रिमंडल को बर्खास्त करने की सलाह भी राष्ट्रपति को दे सकता है.