जिला परिषद् सदस्य का चुनाव कैसे होता है? Zila Parishad Kaise Bane?

पंचायती राज अधिनियम के तहत भारत में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होता है. जिसमें ग्राम पंचायत प्रमुख या मुखिया, वार्ड, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद् सदस्य का चुनाव होता है. जिला परिषद् सदस्य त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का सर्वश्रेष्ठ पद होता है. तो आज आप जानेंगे कि जिला परिषद् सदस्य का चुनाव कैसे होता है? जिला परिषद् सदस्य के लिए योग्यता.

जिला परिषद् सदस्य क्या है?

जिला परिषद् पंचायती राज की सर्वोच्च/ सबसे ऊपरी संस्था है. पंचायती राज्य की ऊपरी संस्था के सदस्य को जिला परिषद् सदस्य कहा जाता है. जिला परिषद् सदस्य जिला स्तरीय नेता होते हैं. जो जिला स्तर पर कार्य करती है.  जिला परिषद ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों का नीति निर्धारण एवं मार्गदर्शन का काम करती है.

जिला परिषद् सदस्य का चुनाव कैसे होता है?

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के द्वारा जिला परिषद् सदस्य का चुनाव होता है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जनता प्रत्यक्ष मतदान के द्वारा जिला परिषद् सदस्य का चुनाव करती है.

जिला परिषद् सदस्य के लिए योग्यता

  • जिला परिषद् सदस्य उम्मीदवार कम से कम दसवीं पास होना चाहिए.
  • उम्मीदवार का मतदाता सूची में नाम होना चाहिए.
  • उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए.
  • उम्मीदवार किसी सरकारी लाभान्वित पद पर न हो.
  • अगर सरकारी पद पर कार्यरत हो, तो उस पद से इस्तीफा देना होगा.
  • उम्मीदवार पागल या दिवालिया न हो.
  • उम्मीदवार का नाम उस निर्वाचन क्षेत्र में हो, जिस निवार्चन क्षेत्र में चुनाव लड़ना चाहता हो.

जिला परिषद् सदस्य का चुनाव कैसे लड़ें?

  • जिला परिषद् सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भाग लेना होगा.
  • त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भगा लेने के लिए जिला परिषद् सदस्य के उम्मीदवार के रूप में नामांकन (Nomination) करवाना होगा.
  • निर्वाचन आयोग, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हेतु नामांकन की तिथि घोषित करती है.
  • निर्धारित तिथि को अपना नामांकन जिला परिषद् सदस्य उम्मीदवार के लिए करना होगा.
  • नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के एक सप्ताह बाद चुनाव चिन्ह (छाप) मिलता है.
  • सभी उम्मीदवारों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह मिलता है. जैसे, बाल्टी छाप, बल्लेबाज छाप, गुब्बारा छाप, अलमारी छाप आदि.
  • चुनाव चिन्ह मिलने के बाद प्रचार-प्रसार करने कुछ दिनों का समय दिया जाता है.
  • उस निर्धारित तिथि में अपना और अपने चुनाव-चिन्ह का प्रचार-प्रसार अपने निर्वाचन क्षेत्र में करना होगा.
  • मतदान (वोट) की तिथि से एक दिन पहले प्रचार-प्रसार बंद कर दिया जाता है.
  • और निर्धारित तिथि में निर्धारित समय से मतदान शुरू होता है.
  • जनता/मतदाता (Voters) अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट देते हैं.
  • इस तरह से चुनावी प्रक्रिया पूरी होती है.
  • एक सप्ताह या एक महीने के अंतराल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना होती है.
  • मतगणना में जिस उम्मीदवार की सबसे अधिक मत होती है, उस उम्मीदवार विजयी घोषित किया जाता है.
  • विजयी उम्मीदवार अपने क्षेत्र का जिला परिषद् सदस्य बनता है.

जिला परिषद् सदस्य का वेतन कितना है?

जिला परिषद् सदस्य का वेतन 3000 रूपये प्रतिमाह है. मासिक निर्धारित वेतन के अलावे बैठक भत्ते, यात्रा भत्ते एवं अन्य भत्ते मिलते हैं.

जिला परिषद् सदस्य के कार्य

  • जिला परिषद् सदस्य का मुख्य कार्य ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों को निर्देशन देना और उनके कार्यों की निगरानी करना होता है.
  • इनका काम अपने जिला के सभी ग्राम पंचायतों के विकास के लिए कार्य करना है.
  • गाँवों की समस्याओं के बारे में ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों से जानकारी प्राप्त करना और समस्याओं के समाधान हेतु राज्य सरकार को आवेदन देना.
  • राज्य सरकार द्वारा संचालित सरकारी योजनाओं को ग्राम पंचायतों तक पहुँचाना.
  • सरकारी लाभों के बारे में पंचायत समितियों को जानकारी देना और उन्हें जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाने का कार्य सौपना.
  • ग्राम पंचायत प्रमुख और पंचायत समितियों द्वारा भेजे गए बजट को स्वीकार करना.

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