निर्वाचन आयोग क्या है? निर्वाचन आयोग का कार्यकाल, वेतन और महत्वपूर्ण कार्य-शक्तियाँ

निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है. इसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है. निर्वाचन आयोग यानि चुनाव आयोग भारत में संघ एवं  राज्य स्तरीय चुनावी प्रक्रियाओं का संचालन करता है. यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन  का संचालन करता है. तो आज हम आपसे Nirvachan Ayog ke Kary के बारे में बात करेंगे.

निर्वाचन आयोग क्या है?

भारतीय संविधान के भाग-15 के अनुच्छेद 324 से 329 में निर्वाचन से सम्बंधित उपबंध दिया गया है. निर्वाचन आयोग का गठन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य निर्वाचन आयुक्तों से किया जाता है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है. पहले चुनाव आयोग एक सदस्यीय आयोग था, परन्तु अक्टूबर, 1993 में तीन सदस्यीय आयोग बना दिया गया है. निर्वाचन आयोग का मुख्य कार्य है, स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव करवाना.

निर्वाचन आयोग का कार्यकाल कितना होता है?

मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो पहले हो, तब तक होता है. अन्य चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु जो पहले हो, तब तक रहता है.

निर्वाचन आयुक्त का वेतन कितना है?

मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर वेतन एवं भत्ते प्राप्त होते हैं. निर्वाचन आयुक्त का वेतन 90 हजार रूपये मासिक वेतन होता है.

निर्वाचन आयोग के कार्य कौन-कौन से हैं?

चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन- निर्वाचन आयोग चुनाव क्षेत्रों का सीमा निर्धारित करता है. राज्य के लोकसभा और विधान सभा क्षेत्रों का सीमा निर्धारण करता है.

मतदाता सूचियों को तैयार करवाना-निर्वाचन आयोग का मुख्य कार्य देश के वयस्क बालिकाओं और बालकों  का मतदाता सूची (Voter List) में नाम दर्ज करना होता है. और मतदाता पहचान पत्र जारी करना होता है.

विभिन्न राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना-चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करता है.

राजनीतिक दलों को आरक्षित चुनाव चिन्ह प्रदान करना- देश का निर्वाचन आयोग चुनाव के समय राजनीतिक दलों को आरक्षित चुनाव चिन्ह प्रदान करता है. जैसे भारतीय जनता पार्टी, कमल फुल का छाप, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (तीन धनुष छाप)

निर्वाचन आयोग के कार्यों का वर्णन कीजिए?

चुनाव करवाना-

  • लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करना होता है.
  • इनका सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य आम चुनाव या उप-चुनाव कराने के लिये समय-समय पर चुनाव कार्यक्रम तय करना होता है.
  • चुनाव की तिथि का निर्धारण, मतदान एवं मतगणना के लिए केंद्र का निर्धारण करता है.

राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता तैयार करवाना

  • यह राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनाव में ‘आदर्श आचार संहिता’ जारी करता है, ताकि कोई अनुचित कार्य न करें.
  • या सत्ता में मौजूद लोगों के द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग न किया जाए.
  • राजनीतिक दलों के लिए प्रति उम्मीदवार चुनाव अभियान खर्च की सीमा निर्धारित करता है.

निर्वाचन आयोग के बारे में बतलाइए?

  • निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है अर्थात इसका निर्माण संविधान ने किया है.
  • राष्ट्रपति मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं.
  • मुख्य चुनाव आयुक्त को महाभियोग जैसी प्रक्रिया से ही हटाया जा सकता है.
  • नियुक्ति के पश्चात् मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है.
  • सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान ही मुख्य चुनाव आयुक्त को वेतन दिया जाता है.
  • मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों का वेतन भारत की संचित निधि में से दिया जाता है.

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