माता-पिता सभी के लिए सबसे प्रिय होते हैं और सभी बच्चे भी अपने माँ-बाप की आँखों के तारे होते हैं। इस दुनिया में हमारा अस्तित्व ही उनकी वजह से है, और माता-पिता अपने बच्चों से निःस्वार्थ प्रेम करते हैं। सभी माँ-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे खुश रहें, वे तरक्की करें और बेहतर जीवन बिताएँ। और इसके लिए बच्चों को सही परवरिश देना बहुत ज़रूरी है। तो आइए जानते हैं कि माता-पिता की नैतिक जिम्मेदारियाँ क्या हैं?
Responsibilities of Parents in Hindi
सभी माता-पिता को यह जानना ज़रूरी है कि बचपन में हम अपने बच्चों को जो सिखाते हैं, वो जीवन-भर उसके साथ रहता है। कम उम्र में ही अगर बच्चों को अच्छी आदतें और संस्कार सिखा दिए जाएँ, तो बड़े होकर वो एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बन सकते हैं। इसलिए हर माता-पिता को कोशिश करनी चाहिए कि बचपन से ही बच्चों को अच्छी सिख दें।
माता-पिता की ज़िम्मेदारीयाँ
- हर उम्र का बच्चा माता-पिता के बर्ताव की नकल करता है, इसलिए उसके सामने सही बर्ताव करें।
- अगर अभिभावक कहते हैं कि झूठ बोलना ग़लत है तो खुद भी झूठ न बोलें।
- घर के माहौल का बच्चे पर बहुत असर होता है।
- घर में लड़ाई-झगड़ा हो, तो बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। माता-पिता के बीच विवाद हो तो बच्चे के सामने न उलझें, अकेले में सुलझाएँ।
- बच्चे पर बार-बार हाथ उठाया जाए, तो उसे बेइज़्ज़ती महसूस होती है। इससे बच्चा या तो दब्बू या ढीठ बन जाता है।
- बच्चे को सख़्त सजा देना भी अच्छा नहीं है।
- बच्चा कुछ अच्छा करे, तो उसकी तारीफ़ करना और इनाम देना चाहिए। इनाम के तौर पर उसे कहानी सुनाएँ, घुमाने ले जाएँ, आदि।
- बच्चे के जन्म से ही उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरुरी है।
- बीमारियों से बचाने के लिए नियमित रूप से टीके लगवाने चाहिए। बच्चा बीमार पड़े, तो उसका उचित इलाज जरुरी है।
- बच्चे को उम्र के अनुसार सही भोजन देना चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि उसका सही विकास हो रहा है या नहीं।
- बच्चों को उनकी पसंद के कपड़े और खिलौने दें।
- लड़का हो या लड़की- दोनों को शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए।
- खेलने-खाने की उम्र में उनसे मज़दूरी नहीं करानी चाहिए।
- उन्हें बोलने और उनके विचार रखने की आजादी देनी चाहिए। घर के फ़ैसलों में उनकी भी राय लेनी चाहिए।
- उन्हें अच्छे संस्कार देने चाहिए और अच्छी बातें सीखनी चाहिए। जैसे- सच बोलना, चोरी न करना, बड़ों और महिलाओं का आदर करना, अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियों को समझना आदि।
- बच्चा शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर हो तो माँ-बाप की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है।
- ऐसे बच्चे के माता-पिता को मान लेना चाहिए कि बच्चे में कोई कमी है। ऐसा करने से समस्याएँ कम हो जाती हैं।
- डॉक्टर की सलाह से बच्चे की परेशानियों को कम करने के उपाय किए जा सकते हैं। उन्हें काबिल बनाया जा सकता है।
परिवार की ख़ुशहाली के लिए अच्छे संबंध आवश्यक हैं। पारिवारिक संबंध मज़बूत हों, तो परिवार सुखी और सुरक्षित रहता है। माता-पिता की ज़िम्मेदारी है कि उनका बच्चा स्वस्थ, शिक्षित, होनहार, संस्कारी और ज़िम्मेदार व्यक्ति बने।
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