छोटा परिवार सुखी परिवार पर निबंध Small Nuclear Family Essay in Hindi (Slogan)

Chhota Parivar-Sukhi Parivar Slogan आप सभी ने कभी-न-कभी सुना ही होगा। छोटा परिवार आखिर सुखी कैसे रह सकता है? लघु परिवार पर निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि छोटा परिवार सुखी परिवार स्लोगन का मतलब क्या है? संयुक्त परिवार और एकल परिवार में से कौन-सा अच्छा है?

एक समय था, जब भरा-पूरा बड़ा परिवार सम्मान की नज़र से देखा जाता था। उसे सुख-समृद्धि की निशानी माना जाता था। परंतु आज यह धारणा बदल चुकी है। अब तो छोटे परिवार को ही सुखी परिवार के रूप में देखा जाता है। और इसी क्रम में सरकार ने भी Chhota Parivar Sukhi Parivar Campaign (अभियान) शुरू कर दिया है।

‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ क्या है?

छोटा परिवार सुखी परिवार ‘फ़ैमिली प्लानिंग‘ का एक अभियान है, जिसके माध्यम से लोगों को कम बच्चे पैदा करने की सलाह दी जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रण करना है। साथ ही यदि आपका एक छोटा परिवार रहता है, तो आवश्यकताएँ भी कम होंगी और इस प्रकार आप सभी की ज़रूरतों को पूरा कर ख़ुशी से रह सकते हैं।

इसी क्रम में एक और अभियान सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, ‘मुन्ना हो या मुनिया- दो बच्चों की दुनिया।‘ आपके दो बच्चे, आप दोनों पति-पत्नी और आपके माता-पिता तक सीमित परिवार होने से आप सुखी से रह सकते हैं, और नहीं तो विस्तृत परिवार में सदस्य बढ़ने से ज़रूरतें भी बढ़ जाती हैं।

छोटा परिवार सुखी कैसे होता है?

अब हम एक छोटे परिवार के फ़ायदों के बारे में जानते हैं कि इस अभियान को इतना ज़ोरों-सोरों से आखिर क्यों चलाया जा रहा है। छोटे परिवार के फ़ायदे निम्न हैं:

  • परिवार में अगर एक-दो बच्चे हों, तो उनकी परवरिश ज़्यादा अच्छी हो सकती है।
  • बच्चों को भरपूर प्यार-दुलार मिलता है।
  • परिवार में सुख-शांति और हँसी-ख़ुशी का माहौल रहता है।
  • सीमित कमाई में भी बच्चों की ज़रूरतें काफी हद तक पूरी की जा सकती है।
  • भोजन, कपड़ा, पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने में आसानी रहती है।
  • बच्चों को पर्याप्त मात्रा में संतुलित व पौष्टिक भोजन दिया जा सकता है। इससे बच्चे स्वस्थ रहते हैं। माताओं की सेहत भी ठीक रहती है।
  • जनसंख्या कम होने पर देश की तरक्की तेज़ी से होती है।
  • बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी की समस्या कम होती है।
  • लोगों की बुनियादी जरूरतें आसानी से पूरी होती हैं।
  • महँगाई, जमाखोरी, कालाबाज़ारी पर क़ाबू पाना आसान होता है।

बड़े परिवार की समस्याएँ 

  • परिवार में ज़्यादा बच्चे होंगे तो उनकी ज़रूरतें भी ज़्यादा होंगी। सबकी परवरिश, देखभाल, इलाज और पढ़ाई-लिखाई पर खर्च अधिक करना पड़ेगा।
  • सीमित कमाई में सबकी ज़रूरतें ठीक से पूरी नहीं हो पाती।
  • सामान्य घरों में ज़्यादा बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, कपड़े-लत्ते और भोजन-पानी की ज़रूरतें ठीक से पूरी नहीं हो पाती। छोटी-छोटी चीजों के लिए बच्चे रोते हैं, अपना मन मारते हैं।
  • पर्याप्त संतुलित भोजन और पौष्टिक तत्त्व न मिल पाने के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं। बीमार होने पर उनका ठीक से इलाज भी नहीं हो पाता।
  • जल्दी-जल्दी और ज़्यादा बच्चे होने से माताओं की सेहत पर बहुत ख़राब असर पड़ता है।
  • सभी बच्चों कि भरपूर प्यार-दुलार नहीं मिल पाता।
  • थोड़ा बड़ा होने पर कुछ बच्चे अपनी ज़रूरतों और अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए ग़लत रास्ते पर कदम बढ़ा देते हैं।
  • परिवार में तनाव, कलह और मनमुटाव की स्थिति बनती है।
  • बड़े-बड़े खेत और घर छोटे-छोटे टुकड़ों में बँट जाते हैं।
  • गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी बढ़ती है।
  • अंततः बढ़ती जनसंख्या का असर देश की तरक्की और समृद्धि पर पड़ता है।
  • बिजली, पानी, मकान, कपड़ा, अनाज, फल, दवा, नौकरी, शिक्षा आदि चीजें पूरी नहीं पड़ती। सरकार को इन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ती है।
  • जनसंख्या बढ़ती है, तो जरुरत की चीजों की माँग भी बढ़ती है। इससे महंगाई, जमाखोरी और कालाबाज़ारी भी बढ़ती है।

छोटा परिवार सुखी परिवार पर निबंध

मुझे आशा है कि अब आपको ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ स्लोगन का मतलब समझ में आ गया होगा। हमारे देश में बढ़ती जनसंख्या एक काफ़ी बड़ी समस्या है, और स्कूल/कॉलेज में अक्सर इससे निजात पाने के उपायों के बारे में बताने को कहा जाता है। यदि ‘छोटा परिवार सुखी परिवार पर निबंध‘ लिखने को कहा जाए, तो आप इसे लेख में से कुछ अंश लिख सकते हैं।

Chhota Parivar Sukhi Parivar Meaning आपके अनुसार और क्या है? आखिर एक छोटा परिवार ख़ुशी से कैसे रह सकता है? इसके बारे में अगर आपके पास भी कोई सुझाव या सवाल हो, तो नीचे comment करके आप बता सकते हैं। जल्द ही मिलेंगे किसी और शैक्षिक लेख के साथ। धन्यवाद!

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