शादी का सीज़न अभी ज़ोरों-शोरों से चल रहा है, और शायद से आपके कुछ दोस्तों की भी शादी हो चुकी होगी या होनेवाली होगी। शादी कार्ड्स पर आपने अक्सर कई शायरियाँ लिखी हुई देखी होंगी, जो दूल्हा और दुल्हन के नए जीवन के बारे में होता है और कई बार जिनको निमंत्रण भेजा जा रहा है उनके आगमन और दोनों को आशीर्वाद देने के संबंध में होता है। आइए जानते हैं कुछ Best Shadi Card Shayari in Hindi.
शादी कार्ड शायरी
क्या रिश्ता है कुदरत का, कौन किसके क़रीब होता है।
विवाह उसी से होता है, जिसका जहाँ नसीब होता है।।
बांध लो मन को इस बंधन में, रस्म नहीं दस्तूर है ये।
कौन मिटा सकता है इसको, रंग नहीं सुंदर है ये।।
विवाह बंधन में बंधेगी हमारी गुड़िया, डोली जाएगी उसकी नए आँगन में।
आपका शुभ आशीर्वाद रहे उसके साथ, यही कामना है हमारे मन में।।
दो दिल खड़े हैं प्यार के बंधन को निभाने के लिए
आपको आना होगा दूल्हा और दुल्हन को आशीर्वाद देने के लिए।
आज भरी ख़ुशियों की महफ़िल से उज्ज्वल संसार होगा,
दूल्हा के हाथों से ही दुल्हन का पूर्ण श्रृंगार होगा।
मिलन है दो परिवारों का, रस्म है ख़ुशी मनाने का
हमें तो इंतज़ार है बस आपके आने का।
हज़ारों फूल कम होंगे, दुल्हन सजाने के लिए
चुटकी भर सिंदूर काफ़ी है, ज़िंदगी बसाने के लिए।
तारों भरी रात होगी, ख़ुशियों की बरसात होगी।
दूल्हा संग दुल्हन की नयी जीवन की शुरुआत होगी।।
संध्या ढली जब अंधेरा आया, मधुर मिलन की बेला आई।
सिंदूर लेकर दूल्हा आया, आँचल फैलाए दुल्हन आई।।
यह एक निमंत्रण पत्र ही नहीं, आपके आगमन की प्यारी-सी तस्वीर है।
हमारे शुभ कार्य में सहयोग हो आपका, आपसी सहयोग ही तो रिश्ता की ज़ंजीर है।।
अर्पित है अति प्रेम सहित, श्रीमान निमंत्रण यह लेना
आनंद भरे शुभ अवसर, परिवार सहित दर्शन देना।
एक मीठी मुस्कान है बेटी, ये सच है कि महान है बेटी।
उस घर की पहचान बनने चली, जिस घर से अनजान है बेटी।।
दो हृदय दो फूल खिले, दो अनजान परिवार मिले।
दो दिल मिलकर एक हुए, गृह जीवन का श्रृंगार बने।।
हवा के हाथ पैग़ाम भेजा है, कार्ड के ज़रिए एक अरमान भेजा है।
फ़ुरसत मिले तो ज़रूर आना, वार वधू को आशीष देने।।
बसाकर प्यार दिल में ख़ुशी की छह देखेंगे।
बिछाकर आँखें रास्ते में आने की राह देखेंगे।।
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही है जल थल में।
स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है, वर कन्या के मधुर मिलन में।।
दो दिलों के अरमान होंगे, मेहंदी से सजे हाथ होंगे।
यह महफ़िल कितनी हसीन होगी, जहाँ ये दोनों एक साथ होंगे।।
चाँदनी रात होगी ख़ुशियों की बरसात होगी,
दूल्हा और दुल्हन की नई ज़िंदगी की शुरुआत होगी।
लगन मंडप के मुहूर्त में, बाग सजा अरमानों का,
दूल्हा-दुल्हन के शुभ परिणय पर, स्वागत है मेहमानों का।
बनी थी सीता राम के लिए, स्वयंवर तो एक बहाना था।
दुल्हन की ज़िंदगी में दूल्हा को ही आना था।।
चुटकी भर सिंदूर नहीं ये, जन्मों-जन्मों का नाता है।
आसमान में हुआ फ़ैसला साक्षी विधाता है।।
हृदय में स्नेह अपार लिए हैं, प्यारा संबंध निभाने को।
राह देख रहे हैं दूल्हा-दुल्हन, आपका आशीर्वाद पाने को।।
देती धन पराया होती है, यह मैं सुनता आया।
दर्द विदाई का क्या होता है, आज समझ में आया।।
जब तक गंगा के आँचल में सुर सरिता का धार रहे,
सफल रहे यह जोड़ी जग में जब तक यह संसार रहे।
रिश्ता तो अनमोल रतन है, नाते प्यार के मोटी हैं।
पावन परिणय जीवन का, जीवन पथ की ज्योति है।।
संस्कृति की सोलह संस्कारों में से एक है मंगल परिणय संस्कार,
आपके शुभागमन और स्नेहाशीष से धन्य होगा हमारा परिवार।
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