अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष क्या है? अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य, कार्य/ IMF in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, जिसे अंग्रेजी में International Monetary Fund ( IMF) भी बोलते हैं। 190 देशों के सदस्यता वाला एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन  है, जो  संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक महत्वपूर्ण एजेंसी है। इस संगठन में प्रत्येक देश अपने वित्तीय महत्व के अनुपात के अनुसार हीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड (Executive Board) में प्रतिनिधितित्व रखता है. तो आज हम जानेंगे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष क्या है? अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्य, उद्देश्य, IMF in Hindi.

IMF in Hindi/अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष क्या है?

आईएमएफ (IMF) यानि International Monetary Fund होता है. जिसे हिंदी में ‘ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ कहा जाता है. आईएमएफ/ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख वित्तीय एजेंसी है, और एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है. जिसका मुख्यालय वाशिंगटन है, जिसमें कुल 190 देश शामिल है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का उद्देश्य “वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने, उच्च रोजगार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना कब हुई ?

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 1944 में हुई ब्रिटेन के वुड्स सम्मेलन के दौरान हुआ और इसका मुख्यालय वाशिंगटन DC को बनाया गया. हालांकि यह 27 दिसंबर 1945 के बाद से परिचालन में आयी. और आज यह बहुत हीं महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन बन के उभरा है, जिसका वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने में बहुत बड़ा योगदान है।

1944 में हुए वुड्स सम्मेलन में आईएमएफ़ का गठन करने की बात चलती है. इस दौरान द्वितीय विश्व युद्ध से तबाह देशों को मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हे फिर से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से आईएमएफ़ को 1945 से लागू कर दिया जाता है. यह संगठन 29 देशों से शुरू हुआ था और आज इसमें कुल 190 सदस्य देश जुड़ गये हैं.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्य

  • IMF/अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का सबसे प्रमुख कार्य है, सदस्य देशों को क्रेडिट प्रदान करना है.
  • और इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली के ऊपर निगरानी रखना है.
  • जिस प्रकार हम अपने निजी जीवन में कुछ उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऋण का लेन-देन करते हैं उसी प्रकार हर देश दूसरे देशों के साथ ऋण का लेन-देन करती है.
  • आईएमएफ अपने सदस्य देशों को अल्पकालीन और मध्यम अवधि के लिए कर्ज/ ऋण देने का कार्य करता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष इस लक्ष्य पर कार्य कर रहा है कि विश्व के किसी भी देश में गरीबी ना हो.
  • और उनके पास रोजगार का अच्छा अवसर भी हो, साथ हीं आर्थिक रूप से पिछड़े देशों को उधार देकर उन्हें आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करना.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य 

  •  विश्व की गरीबी स्तर को कम करना और आर्थिक रूप से पिछड़े देशों को मुख्य धारा से जोड़ना.
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना, क्योंकि गरीबी हटाने का सबसे अच्छा तरीका अपने देश का व्यापार को बढ़ाना है.
  •  ऐसे देशों को उधार देना, जिन्हे अपने देश में आर्थिक विकास के लिए पूंजी की जरूरत होती है.
  • दुनिया भर में रोजगार को बढ़ावा देना एवं वित्तीय स्थिरता (Financial Stability)हासिल करना.

IMF में भारत का महत्व

आईएमएफ़ में भारत का एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि यह आईएमएफ़ के संस्थापक सदस्यों मे से एक है, साथ हीं भारत के वित्तीय मंत्री इस संगठन के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में पदेन गवर्नर हैं। आपको बता दें कि इस संगठन के प्रत्येक सदस्य देश में एक वैकल्पिक राज्यपाल होते हैं और हमारे देश भारत का वैकल्पिक राज्यपाल RBI का गवर्नर है।

इसके साथ हीं आईएमएफ़ में भारत देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारत में एक कार्यकारी निदेशक (executive director ) भी है. हमारा देश भारत आईएमएफ़ में SDR 13,114,4 मिलियन कोटा के साथ 2.76 % की हिस्सेदारी रखता है. इस तरह भारत आईएमएफ़ में सबसे ज्यादा कोटा रखने वाले देशों मे 8वें स्थान पर है।

इसे भी पढ़ें :- ICT की आवश्यकता और महत्त्व 

Leave a Comment