भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर सभी धर्म के लोग रहते हैं, और सभी त्यौहारो को बड़ी खुशी और उत्सव से मनाते हैं। तो आज के इस लेख में हम बात करने वाले हैं कि Christmas Kyu Manya Jata Hai? बड़ा दिन के नाम से लोकप्रिय इस त्योहार क्रिसमस की कहानी क्या है?
वैसे क्रिसमस का नाम सुनते ही एक Christmas tree & Santa Claus का चेहरा हमारे दिमाग में ज़रूर आता है। Christmas ki Shuruaat Kaise Hui? सब काफ़ी रोचक तथ्यों से भरा है, तो आप इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें।
Christmas Kyu Manya Jata Hai?
क्रिसमस का त्यौहार ईसाइयों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। क्रिसमस का त्यौहार यीशु मसीह के जन्म के अवसर में मनाया जाता है। ईशा मसीह का जन्म 25 दिसम्बर को हुआ था, यही कारण है कि हम लोग क्रिसमस डे मनाते हैं।
24 दिसम्बर की रात से ही ईसाइ लोग यीशु मसीह के जन्म से संबंधित गीत सभी महीस के घरो में जाकर गते हैं। और सुबह 25 दिसम्बर को सभी लोग गिरजाघरो में जाकर एक दूसरे को उपहार देते हैं। और केक खिला कर क्रिसमस की बधाई देते हैं इसके साथ-साथ प्रभु जीसस के जीवन के बारे में प्रवचन भी सुनाएं जाते हैं। और सभी लोग अपनी खुशहाल जीवन की प्रार्थना करते हैं। उस दिन जगह-जगह पे क्रिसमस ट्री भी सजाया जाता है।
10 Lines on Christmas in Hindi
- क्रिसमस प्रत्येक वर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है, और इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं।
- Christmas का त्योहार ईशा मसीह के जन्मदिवस के अवसर में मनाया जाता है।
- यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश/छुट्टी रहती है।
- क्रिसमस के एक-दो दिन पहले से अगले 12 दिन तक Christmastide उत्सव मनाया जाता है।
- इस दौरान जो भी तैयारियाँ की जाती हैं, उन्हें 5 जनवरी की शाम को उतार दिया जाता है।
- Santa Claus के बिना क्रिसमस की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। सांता क्लॉज़ क्रिसमस के दिन बच्चों को तोहफ़े बाँटते हैं।
- सांता क्लॉज़ का इतना क्रेज़ है कि कई लोग उनकी वेशभूषा पहनकर आज भी बच्चों को gifts देते हैं। और पूरा माहौल देखने लायक़ होता है, काफ़ी मज़ा आता है।
- संत निकोलस गरीब और बेसहारा बच्चों को तोहफे दिया करते थे, उनका क्रिसमस से कोई संबंध नहीं था जिसे बाद में क्रिसमस में अपना लिया गया।
- इस पर्व पर Christmas Tree को रंग-बिरंगी RGB Lights से काफ़ी अच्छे-से सजाया जाता है।
- क्रिसमस में गाए जाने वाले ‘Jingle Bells’ वास्तविक रूप से ‘Thanksgiving Day’ के लिए बनाए गए थे। जो भी हो Christmas का त्योहार पूरे धूम-धाम से मनाया जाता है।
History of Christmas in Hindi
क्रिसमस डे का इतिहास कई हजारों साल पुराना है। ईसाई धर्म की धार्मिक पुस्तक बाइबिल के अनुसार माता मारियम के गर्भ से प्रभु जीसस के जन्म से पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी गई थी कि धरती पे ईश्वर का जन्म होने वाला है। और वे बड़े हो के राजा बनेगे।
इसके साथ ही ये भी भविष्यवाणी की गई थी कि ये पुत्र (जीसस) पूरी दुनिया को बदल के रख देगा। ये लोगों की कष्टों को दूर कर देगा।जीसस ने अपना पूरा जीवन दूसरो की सेवा करने में ही बीता दिया। उन्होंने हमेशा लोगों को सही मार्गदर्शन दिखाया।
कहा जाता है कि यीशु जब बड़े हुए तो उनकी प्रसिद्धि चारों और होने लगी। जिसके कारण उनके कई सारे दुश्मन भी हो गए। और अंत में यीशु को उनके दुश्मनो ने क्रूस पे लटकाकर मार डाला। फिर भी यीशु मरते समय ये प्रार्थना कर रहे थें कि हे पिता इन लोगों को क्षमा कर दीजिए। क्योंकि ये लोग अज्ञानी हैं।
वही मैं आपको बता दूँ कि माता मरियन और युसूफ की शादी होने के बाद वे बैथलहम नामक जगह पे जा के रहने लगे। वहाँ पे बहुत ज़्यादा भीड़ था। तो वे लोग एक गौशाला में रुक गए। वही पे एक रात गौशाला में माता मरियन ने अपने पुत्र यीशु को जन्म दिया । उस रात आसमान में बहुत ज़्यादा तारे चमक रहे थें।
उसी समय लोगों को अहसास हो गया था कि रोम की शासन से बचाने के लिए मसीहा ने जन्म ले लिया है। इसलिए ईसाइ धर्म के लोग जीसस के जन्मोत्सव को ही क्रिसमस डे मनाते हैं।
क्रिसमस ट्री की कहानी
क्रिसमस के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं। और क्रिसमस ट्री को बहुत सारी उपहार और लाइटो से सजाते हैं। ऐसे में क्रिसमस ट्री दिखने में और भी ज़्यादा खूबसूरत लगता है।
- Christmas Tree को सजाने की परंपरा जर्मनी से शुरू हुआ, और ये धीरे-धीरे सभी जगहा फैल गया।
- क्रिसमस ट्री को सदाबहार पेड़ के नाम से भी जाना जाता है।
- यह एक ऐसा पेड़ है जो कभी नहीं मुरझाता है, और ये बर्फ में भी हमेशा हरा-भरा रहता है।
यही कारण है कि ईसाइ धर्म में इस पेड़ की तुलना प्रभु मसीह यीशु से की जाती है। जिसके कारण ईसाइ धर्म के लोग सदाबहार झाड़ियों और पेड़ों को पवित्र मानते हैं। इसीलिए क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री को सजाने का रिवाज शुरू कर दिया गया और इस रिवाज को लोग आज भी मानते हैं।
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सांता क्लॉज़ की कहानी क्या है?
Santa Claus को तो आज सभी लोग जानते हैं और इनके बिना तो पूरा क्रिसमस अधुरा सा लगता है। तो चलिए जानते हैं कि सांता क्लॉज़ की कहानी क्या है?
कहा जाता है कि सांता क्लॉज़ का जन्म जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ। उन्होंने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया। वे बड़े हो के ईसाइ धर्म के पुजारी बने बाद में बिशप भी बने। उनको जरूरत मंद बच्चों को उपहार देना बेहद पसंद था।
वे अक्सर बच्चों को उपहार देते थें। वे हमेशा उपहार रात को ही देते थें क्योंकि उनको सामने आ के उपहार देना पसंद नहीं था। वे लोगों को दिखाना नहीं चाहते थें।
संता क्लॉज़ हमेशा गरीबों की बहुत मदद करते थे, इसलिए बच्चे और बड़े लोग संता क्लॉज़ को प्रभु यीशु के रूप में देखने लगे थें। इसीलिए लोग उन्हें बहुत ज़्यादा पसंद करते हैं। तो इस तहर से क्रिसमस और संता क्लॉज़ की कहनी शुरू हुई और आज तक चलती आ रही है।