एकल परिवार और संयुक्त परिवार किसे कहते हैं? Joint Family vs Nuclear Family in Hindi

हमारे देश में एक इकाई के रूप में परिवार का बहुत महत्त्व माना जाता है। भारतीय परिवार बहुधा स्थित व बाल केंद्रित होते हैं। आपने यह भी देखा होगा कि कुछ परिवार छोटे होते हैं तो कुछ बहुत बड़े होते हैं। वास्तव में परिवार दो तरह के होते हैं, एकल परिवार और संयुक्त परिवार। आज हम इनके बारे में तो बात करेंगे ही साथ ही परिवार की विशेषताएँ और कार्यों के बारे में बात की जाएगी।

एकल परिवार किसे कहते हैं?

एकल परिवार एक छोटी इकाई है जिसमें पति-पत्नी व उनके अविवाहित बच्चे रहते हैं। कभी-कभार पति का अविवाहित भाई या बहन भी उनके साथ रह सकते हैं। तब यह एक विस्तृत परिवार होगा।

एकल परिवार के फ़ायदे और नुकसान

  • एकल परिवार के सदस्य साधारणतया अधिक आत्मनिर्भर होते हैं और वे आत्मविश्वास से भरे हुए व किसी भी काम में पहल करने में सक्षम होते हैं।
  • एकल परिवारों में बच्चों को स्वयं निर्णय लेने के लिए उत्साहित किया जाता है जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • सदस्यों के बीच गहरा भावनात्मक लगाव विकसित होता है। ऐसी अधिक एकांत व आपसी मेल-मिलाप के अवसर मिलन के कारण सम्भव होता है जो एकल परिवारों में भली-भाँति उपलब्ध होते हैं।
  • ऐसा देखा गया है कि जहां कोई समाज अधिक औद्योगिक व शहरी बन जाता है, वहाँ एकल परिवार होने की सम्भावना बढ़ जाती है। बड़े शहरों में एकल परिवारों की अधिकता का एक प्रमुख कारण आवासीय समस्या है। बड़े परिवार को रहने के लिए जगह भी ज़्यादा चाहिए। यदि परिवारों को सुविधापूर्ण ढंग से रहना हो तो उनके पास एकल परिवार में रहने के अलावा और कोई चारा नहीं है।

संयुक्त परिवार किसे कहते हैं?

संयुक्त परिवार कुछ एकल परिवारों से मिलकर बनता है और परिणामस्वरूप यह काफ़ी बड़ा होता है। यह पति-पत्नी, उनकी अविवाहित लड़कियों, विवाहित लड़कों, उनकी पत्नियों व बच्चों से मिलकर बनता है। यह एक या दो पीढ़ियों के लोगों का समूह है, जो साथ रहते हैं।

संयुक्त परिवार के फ़ायदे और नुकसान

  • सभी सदस्य एक ही छत के नीचे रहते हैं।
  • सभी सदस्यों की सांझी रसोई होती है।
  • सभी सदस्य परिवार के संपत्ति के हिस्सेदार होते हैं। संयुक्त परिवार का सबसे बड़ा पुरुष ही वित्त संचालन व संपत्ति देखता है। यानी परिवार का खर्च एक ही वित्त स्रोत से चलता है।
  • सभी सदस्य पारिवारिक घटनाओं, त्योहारों व धार्मिक उत्सवों में एक साथ शमिल होते हैं।
  • परिवार की बेटियाँ शादी के बाद अपने पति के घर चली जाती हैं जबकि बेटे घर में ही अपनी पत्नियों व बच्चों के साथ रहते हैं।
  • संयुक्त परिवार में निर्णय घर के सबसे बड़े पुरुष सदस्य द्वारा लिए जाते हैं। घर की सबसे बड़ी महिला भी निर्णय लेने का कार्य कर सकती है, परंतु अप्रत्यक्ष रूप से।

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