गर्मी छुट्टी की शुरुआत कैसे हुई? Summer Vacation Essay in Hindi

क्या आपको पता है कि गर्मी छुट्टी की शुरुआत कैसे हुई? गर्मी का मौसम आते ही सभी स्कूल, कॉलेजों में छुट्टियाँ हो जाती हैं, जिसे हम summer vacation भी कहते हैं।

Summer Vacation यानि ग्रीष्मकालीन अवकाश देश और जगह के अनुसार अलग-अलग सप्ताहों तक छात्रों और शिक्षण स्टाफ को छुट्टी दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि केवल पढाई से सम्बंधित संस्था में ही गर्मी की छुट्टी क्यों होती है?

Garmi ki Chutti Kitne Din Tak Hai?

फ्रेंड्स! जब मैं स्कूल जाता था, तब छुट्टी के नाम से ही बहुत ख़ुशी मिलती थी और बस यही सोचते थे कि आखिर कितने दिनों तक छुट्टी मिलेगी. तो सबसे पहले हम यह जानते हैं कि Garmi Chhutti Kitne Din Milti Hai?

मैं आपको बताना चाहूँगा कि Summer Vacation Duration प्रान्त और उसके मौसम के ऊपर निर्भर करता है। भारत में कहीं पर चार सप्ताह की गर्मी छुट्टी होती है, तो कहीं छः सप्ताह तक।

इसके साथ ही कई देशों में तो इससे भी ज्यादा दिनों तक छुट्टियाँ रहती हैं। अमेरिका में summer vacation लगभग ढाई महीने का होता है जबकि Britain, Netherlands और जर्मनी में छः से आठ सप्ताह की, और Ireland, Italy, Lithuania और रूस में, गर्मियों की छुट्टियाँ आमतौर पर तीन महीने की होती है।

गर्मी छुट्टी की शुरुआत कैसे हुई?

कुछ लोगों का मानना है कि गर्मियों की छुट्टी अंग्रेजी परिवार के कैलेंडर से उत्पन्न हुई है। इस मिथक के अनुसाए, यह माना जाता है कि स्कूल के बच्चे खेतों में अपने माता-पिता की मदद करने के लिए गर्मियों के दौरान कुछ छुट्टियाँ लेते थे. और इसी प्रकार धीरे-धीरे यह एक प्रवृति बन गई।

अमेरिकी विद्यालयों के History of Summer Vacation को देखने से पता चलता है कि 1842 में, Detroit शहर में स्कूली बच्चों का एक शैक्षणिक वर्ष 260 दिनों तक चला था। असल में, अमेरिका में गर्मियों की छुट्टी के मूल में अमेरिकी समाज में बढ़ता माध्यम और उच्च वर्ग का परिवेश था।

गर्मियों के समय, अधिकांश धनी और संपन्न परिवार अपने बच्चों के साथ गर्मी के मौसम से बचने के बहाने शहर से बाहर किसी ठंडी जगह पर चले जाते थे। इससे स्कूल की उपस्थिति और पढाई प्रभावित हुई, क्योंकि उस समय स्कूल की उपस्थिति अनिवार्य नहीं थी।

जब यह लगातार जारी रहने लगा तब अधिवक्ताओं ने स्कूली बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टी यानि एक लम्बे ब्रेक के लिए तर्क दिए। उनका कहना था कि वर्ष भर पढाई करना बच्चों के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि मस्तिष्क एक मांसपेशी है जिसे आराम की भी आवश्यकता है. और इस तरह वहां से भी गर्मी छुट्टी की शुरुआत हुई, जिसका मज़ा हम आज भी ले रहे हैं।

गर्मी की छुट्टी क्यों मिलती है?

अगर अब भी आपको यह जानना है कि Garmi Chhutti ki Shuruat Kaise Hui? तो मैं आपको एक और किस्सा बताता हूँ। यूँ तो देश में गुरुकुल प्रणाली होने के कारण इन छुट्टियों का उल्लेख नहीं मिलता, ऐसा माना जाता है कि अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली के साथ ही यह व्यवस्था आई होगी।

इसका उद्देश्य एवं कारण मुख्यतः दो रहे होंगे, एक तो गर्म मौसम तथा दूसरा पुरे वर्ष पढाई के उपरान्त पढाई के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों के लिए भी छात्रों के हित में एक लम्बे अवकाश की आवश्यकता महसूस की गयी होगी।

इसके अलावा परिवार के प्रति अलगाव न हो, बच्चे अपने घर परिवार के लोगों के साथ समुचित समय बिता पाएं। इन वजहों से शिक्षकों ने गर्मी छुट्टी देने का प्रावधान किया होगा और धीरे-धीरे यह एक नियम-सा बन गया है।

Summer Vacation Essay in Hindi

आजकल लगभग सभी स्कूलों में गर्मी छुट्टी के दौरान छात्रों को बहुत ज्यादा homework दिया जाता है. इसके साथ ही Garmi Chhutti par Nibandh यानि Essay लिखने के लिए भी बोला जाता है कि आपने अपनी गर्मी की छुट्टी कैसे बिताई?

इस कारण काफी लोगों का यह सवाल रहता है कि हम Garmi ki Chhutti me Kya Kare? सामान्यतः इन छुट्टियों में अधिकतम बच्चे अपने नानी और अन्य रिश्तेदारों के घर जाते हैं। कुछ दिन इसके घर बिता लिए. कुछ उसके दिन, और इस तरह छुट्टी समाप्त हो जाती है।

Garmi Chhutti me Kya Karna Chahiye?

पर आज के बच्चे दूर शहर या देश के पर्यटन के लिए उत्सुक होने लगे हैं, जहाँ गर्मियों की छुट्टियाँ नानी के घर जाकर रिश्तेदारों से मिलने, नए दोस्त बनाने, आसपास के इलाकों में भ्रमण करने और पुराणी परम्पराएं सिखने का उपयुक्त माध्यम और स्थान हुआ करती थीं, वाही अब यह महँगी यात्राओं का पर्याय होने लगीं।

इसके अलावा काफी बच्चे अलग-अलग summer camps में भाग लेते हैं, वहां पर मस्ती करते हैं और प्रतियोगिताओं में अपनी भागीदारी दिखाते हैं। तो अगर आप मुझसे पूछे कि हमें Garmi Chhutti me Kya Karna Chahiye? तो मेरे अनुसार सब काम कीजिये। रिश्तेदारों के घर जाईये, कहीं घुमने जाईये और summer camps में भी हिस्सा लीजिये। इससे आपका सर्वांगीण विकास होगा। धन्यवाद!

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