The Ramayana Story in Hindi: रामायण की कहानी (श्री राम कथा)

भगवान श्री राम और रामायण के बारे में आप सभी ने ज़रूर सुना होगा। रामायण संस्कृत भाषा में लिखित तथा प्राचीन समय का एक महाकाव्य है। लेकिन ऐसे कई लोग हैं जिन्हें श्री राम कथा की पूरी जानकारी नहीं है। और आज हम The Ramayana Story in Hindi विस्तार से जानने वाले हैं कि भगवान श्री राम की कहानी किस विषय पर है?

संक्षेप में कहें, तो रामायण में रावण द्वारा सीता के हरण किए जाने पर राम द्वारा जंगल में रहने वाले अथवा आदिवासियों की सेना की सहायता अपनी प्रियतमा सीता को बचाकर वापस लाने की कहानी है।

The Ramayana Story in Hindi (Summary)

दशरथ अयोध्या के राजा थे। उनकी तीन पत्नियाँ तथा चार पुत्र- राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम एक आदर्श और उत्तम पुत्र थे। जो अपने भाईयों के साथ बड़े हुए। जब वे बड़े हुए तो उनकी सीता, जो कि आसपास के राज्य की राजकुमारी थी, के साथ विवाह सम्पन्न हुआ। भरत की माता का नाम कैकेयी था।

कैकेयी ने राम के राज्याभिषेक के समय विरोध प्रकट किया और राजा दशरथ द्वारा उन्हें दिए गए वचन के रूप में राम को चौदह वर्ष का बनवास तथा उनकी जगह अपने पुत्र भरत के राज्याभिषेक की माँग की थी।

इन सब से दुखी राजा दशरथ के पास अन्य कोई रास्ता नहीं था इसलिए उन्होंने राम को वनवास जाने के लिए तैयार कर दिया। राम के साथ सीता और लक्ष्मण भी उनके पीछे-पीछे जंगल में चले गए। जब वो जंगल पहुँचे तो वहाँ पर रावण की बहन सूर्पणखा राम पर मोहित हो गई और जब वह सीता को मारने की कोशिश कर रही थी तो लक्ष्मण ने उसको अपने वार से घायल कर दिया।

हालाँकि वहाँ पर खर तथा उसकी सेना की राम के हाथों पराजय हुई और उनकी सेना का मात्रा एक सिपाही ही जीवित बचा। वह अकेला सैनिक हिपीप राज्य लंका की तरफ भाग गया और उसने सूर्पणखा के भाई रावण से राम से बदला लेने का निवेदन किया। रावण सीता के विषय में पहले से ही जानता था इसलिए उसने उसका हरण करने का निश्चय कर लिया। अपनी चालबाज़ी और जादू के बाल पर राम और लक्षण को सीता से दूर कर पाने में सफल रहा और उसने उसका हरण कर सीता को लंका लेकर आ गया।

बजरंगबली हनुमान और भगवान श्री राम की कहानी

राम और लक्ष्मण ने सीता को बहुत दूर-दूर तक खोजा किंतु वे उसे ढूँढ नहीं पाए। आखिर में वो एक वानर समूह के पास आए तथा उनसे सहायता करने का निवेदन किया। उन बहादुर वानरों में से एक ‘हनुमान’ नामक वानर राम का पक्का भक्त हो गया। वानर सीता की खोज में निकल पड़े और उन्होंने पता लगाया कि सीता को लंका ले ज़ाया गया है।

हनुमान जी ने लंका जाकर सीता के वहाँ होने को सुनिश्चित किया कि वह वहाँ पर क़ैद है। हनुमान वहाँ सीता से मिले और उन्हें राम के विषय में सूचित किया और उन्हें बचाने के लिए वापस आने का वादा किया। मुख्यभूमि पर वापस आने से पहले हनुमान ने लंका नगरी को आग लगा दी।

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