पंचतत्त्व क्या है? पञ्चमहाभूत की पूरी जानकारी

सृष्टि की उत्पत्ति पञ्चमहाभूतों से हुई है। इस विषय में आप अपने माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी या परिवार के किसी बड़े सदस्य से भी बातचीत कर सकते हैं। पृथ्वी, जल, अग्नि, आयु तथा आकाश को पञ्चमहाभूत कहते हैं।

पंचतत्त्व कौन-कौन से हैं?

आकाश: आकाश को नित्य माना गया है। आकाश का एक गुण है- शब्द। जैसे आकाश नित्य है वैसे ही उसका गुण- “शब्द” भी नित्य है।

वायु: आकाश से वायु की उत्पत्ति मानी गई है। “आकाशद्वायुः” वायु भी नित्य माना गया है। वायु में अपना गुण स्पर्श तथा आकाश का गुण शब्द रहता है। इस तरह वायु के दो गुण- स्पर्श तथा शब्द नित्य होते हैं।

अग्नि: अग्नि को तेज भी कहते हैं। अग्नि की उत्पत्ति वायु से मानी जाती है। अग्नि नित्य “वायोराग्नि” मानी गई है। अग्नि में शब्द, स्पर्श तथा रूप तीन गुण होते हैं। तीनों ही गुण नित्य होते हैं। इस तरह अग्नि के तीन गुण होते हैं।

जल: जल की उत्पत्ति आप से मानी जाती है- “अग्रेरापः”। आप नित्य मानी गई है। जल में शब्द, स्पर्श, रूप तथा राज़ गुण होते हैं। सभी चारों गुण नित्य होते हैं।

पृथ्वी: जल से पृथ्वी की उत्पत्ति मानी जाती है। अदभयः पृथ्वी। शब्द, स्पर्श, रूप, राज़, गंध ये पाँच पृथ्वी के गुण होते हैं।

उपरोक्त मूल्य नित्य गुणों के अलावा इस महाभूतों में कुछ अन्य विशेषताएँ जिन्हें हम हमारी इंद्रियों के माध्यम से महसूस कर सकते हैं। जैसे- पृथ्वी, जल, तेल, आयु में क्रमशः हम गंधत्व, द्रवत्व, चसत्व आदि विशेषताओं को अनुमान कर सकते हैं। इसी तरह अप्रतिघात का अनुभव हम आकाश महाभूत में देख सकते हैं।

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