Braille Lipi Kya Hai? ब्रेल लिपि का आविष्कार किसने और कब किया?

Braille Lipi जिससे नेत्रहीन लोग पढ़ाई-लिखाई करते हैं, यह आविष्कार शिक्षा के क्षेत्र में किसी क्रांति से कम नहीं है। इस लिपि के द्वारा दृष्टिबाधितों को छूकर पढ़ने, लिखने सिखाया जाता है। और आज हम इसी के बारे में बात करेंगे कि Braille Lipi Kya Hai? ब्रेल लिपि का आविष्कार किसने और कब किया?

ब्रेल लिपि क्या है?

ब्रेल लिपि एक तरह की पद्धति है, जिसके माध्यम से पुरे विश्व भर के नेत्रहीनों के पढने, लिखने के लिए छूकर या स्पर्श करके उनके व्यव्हार में लाया जा सकता है। जिस तरह हम रोमन लिपि (Roman Script) में अंग्रेजी लिखते हैं, देवनागरी लिपि में हिन्दी लिखते हैं, उसी तरह नेत्रहीनों के लिए Braille Script बनाया गया है।

Braille Lipi ka Aavishkar Kisne Kiya?

लुई ब्रेल ने वर्ष 1825 में ‘ब्रेल लिपि’ का आविष्कार किया। लुई ने इस लिपि का आविष्कार कर नेत्रहीन लोगों की जीवन में शिक्षा का दीपक जला दिया। इस कारण लुई ब्रेल को दुनिया में नेत्रहीन लोगों के मसीहा के रूप में जाना जाता है।

लुई ब्रेल का जन्म वर्ष 1809 में फ्रांस के एक छोटे से कस्बे कुप्रे के एक साधारण परिवार में हुआ था। लुई ब्रेल के पिता का नाम साइमन रेले ब्रेल था। उनके पिताजी शाही घोड़ों के लिए काठी बनाने का काम करते थे। पारिवारिक जरूरतों और आर्थिक संसाधन के सीमित होने के कारण उनके पिता पर काम का अधिक भार रहता था।

इसलिए अपनी सहायता के लिए उन्होंने तीन साल बेटे लुइ को अपने साथ काम पर लगा लिया। यहीं से लुई ब्रेल की कहानी शुरु होती है।

एक दिन पिता के साथ काम करते समय लुइ की आँख में एक औजार से चोट लग गयी। इसके बाद उनकी आँख से खून निकलने लगा। परिवार के लोगों ने इसे मामूली चोट समझ कर आँख पर पट्टी बांध दी और इलाज करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। समय बीतने के साथ लुई बड़ा होता गया और घाव गहरा होता चला गया।

आठ वर्ष की उम्र में पहुंचते-पहुंचते लुइ की दुनिया में पूरी तरह से अँधेरा छा गया। परिवार और खुद लई के लिए यह एक बड़ा आघात था। लेकिन आठ वर्ष के बालक लुइ ने इससे हारने की जगह, इसे चुनौती के रूप में लिया। परिवार के लोगों ने उनका दाखिला एक पादरी की मदद से पेरिस के एक दिव्यांग स्कूल या अंध-विद्यालय में करा दिया।

Invention of Braille Script in Hindi

ब्रेल लिपि का विचार Louis Braille के दिमाग में फ्रांस की सेना के कैप्टन Charles bar bier से मुलाकात के बाद आया। चार्ल्स ने सैनिकों द्वारा अँधेरे में पढ़ी जाने वाली night writing और सोनोग्राफी के बारे में लुइ को बताया था। यह लिपि कागज पर उभरी हुई होती थी और 12 बिन्दुओं पर आधारित थी।

इसी को आधार बनाकर उसमें संशोधन कर उस लिपि को 6 बिन्दुओं में बदल कर ब्रेल लिपि का आविष्कार किया।

  • लुई ने न केवल अक्षरों और अंकों को, बल्कि सभी चिन्हों को भी लिपि में सहेज कर लोगों के सामने प्रस्तुत किया।
  • उसके साथ ही उन्होंने विराम चिन्ह और संगीत के नोटेशन के लिए भी जरुरी चिन्हों का समावेश किया।

Braille Lipi in Hindi

लुइ के निधन के 16 वर्ष बाद 1869 में Royal Institute for Blind Youth ने इस लिपि को मान्यता दी। लुई ब्रेल ने न केवल फ्रांस में ख्याति अर्जित की, बल्कि अपने देश में भी उन्हें वही सम्मान प्राप्त है, जो दूसरे नायकों को है। भारत सरकार ने वर्ष 2009 में लुई ब्रेल के सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया था।

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