Brain Tumour Kaise Hota Hai? ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और घरेलू इलाज

Brain Tumour बहुत ही गंभीर बीमारी होता है। ट्यूमर अपना असर तब दिखाना शुरू करता है जब हमारे मस्तिष्क के मुख्य भाग में कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है। जब ये कोशिकाओं की गांठे ब्रेन के स्कल या खोपड़ी पर दबाव डालना शुरू करती है या फिर जिस क्षेत्र में सेल की गुच्छा बन रही हैं, उस भाग की कार्यप्रणाली को बाधित कर देती हैं, तभी हमें सिरदर्द, चक्कर आना,  जैसी अनेक तरह की परेशानियाँ होनी शुरू हो जाती हैं।

अगर समय रहते Brain Tumor का समुचित इलाज नहीं कराते हैं, तो यह आपके लिए बहुत समस्या है। ये ट्यूमर जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। और आज हम इसी के बारे में बात करेंगे कि ब्रेन ट्यूमर क्या होता है? Brain Tumour Kaise Hota Hai? ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और इलाज के उपाय क्या-क्या हैं?

Brain Tumour Kya Hota Hai?

ब्रेन ट्यूमर एक प्रकार है ट्यूमर है जो मस्तिष्क में होता है। मस्तिष्क में जब कोशिकाएं (Cells) असामान्य रूप से विकसित होती हैं, जिसके कारण ब्रेन में गाँठ बन जाती है, कोशिका का यही गांठ ब्रेन ट्यूमर के नाम से जाना जाता है।

ब्रेन ट्यूमर कैसे होता है?

वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर की मुख्य वजह Radiation है। इसके संपर्क में रहने से ही ब्रेन ट्यूमर होता है। जैसे मोबाइल फ़ोन का अधिक इस्तेमाल, Radioactive चीजों के संपर्क में रहना आदि ट्यूमर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इनसे Brain cells प्रभावित होते हैं, जो धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप ले लेते हैं।

हमारे आसपास के वातावरण में मौजूद Virus और खान-पान में इस्तेमाल किये जाने वाले chemicals भी ब्रेन ट्यूमर का कारण बन सकते हैं। ये हमारे मुँह या साँस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं और शरीर तथा मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।

Brain Tumour ke Lakshan

  • सुबह के समय सिर में तेज दर्द होना और कुछ समय बाद बराबर दर्द रहना।
  • और सुबह के समय जी मिचलाना, उल्टियाँ आना, कमजोरी महसूस होना आदि।
  • शरीर में संतुलन बनाने में परेशानी, चलते समय लड़खड़ाना, हाथ पैर का बार-बार संवेदना शून्य होना, हाथ-पैर की muscles में ऐंठन होना।
  • कम या धुंधला दिखाई देना, color blindness.
  • बोलने सुनने में परेशानी, कानों में हमेशा ही कुछ आवाज सुनाई देना।
  • दौरे पड़ना, चक्कर आना, बेहोश हो जाना, चिड़चिड़ापन होना।
  • खाने-पीने में परेशानी तथा याददाश्त कमजोर होना।

ब्रेन ट्यूमर का इलाज कैसे करें?

ब्रेन ट्यूमर के मरीज की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि शुरूआती दिनों में इसका आसानी से पता नहीं चलता है। मरीजों को इसका पता ट्यूमर होने के एक- दो साल के बाद लगता है। ऐसे मरीज ब्रेन ट्यूमर की गंभीर अवस्था में चिकित्सक के पास जाते हैं, जिसके कारण इन्हें बचा पाना बहुत मुश्किल होता है।

  • डॉक्टर सबसे पहले मरीज की family history जाँच करते है, जिससे यह पता लग सके कि brain tumor का कारण आनुवांशिक तो नहीं है।
  • Medical test में मरीज का कॉन्फिडेंस लेवल, देखने-सुनने –बोलने की क्षमता, खाने-पीने में दिक्कत, शारीरिक संतुलन, ब्रेन ट्यूमर की जाँच के लिए CT Scan, एमआरआई, एमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी, एनजिओग्राफी, स्पाइनल टेप आदि की जाती है।
  • सिटी स्कैन ब्रेन ट्यूमर को पहचानने का सबसे प्रभावी तरीका है. इस स्कैन से ब्रेन का X-ray लिया जाता है।
  • इनसे न केवल ट्यूमर के स्टेज का पता चलता है, बल्कि यह भी पता चलता है कि Tumor को निकलना संभव है या नहीं।

ब्रेन ट्यूमर का उपचार

  • ट्यूमर से बचाव के लिए हमें शारीरिक और मानसिक व्यायाम करना चाहिए।
  • प्राणायाम जैसे योगासन करना फायदेमंद होता है, इससे ब्रेन को oxygen की संतुलित मात्रा प्राप्त होती है।
  • इसके अलावा हमें अपने दिनचर्या में भी ध्यान रखना चाहिए जैसे- नींद पूरी लें तथा तनाव से दूर रहें।
  • Alcohol या Drugs जैसे नशीले पदार्थ का सेवन न करें।
  • पौष्टिक और संतुलित आहार लें, जंक फ़ूड से दूर रहें एवं अधिक मात्रा में पानी पिएँ।

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