आपने कई बार सुना होगा कि किसी खास फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास नहीं किया, जिसके कारण वह मूवी रिलीज़ नहीं होगी। क्या आपको पता है कि Censor Board Kya Hai? कोई भी फिल्म रिलीज़ होने से पहले उसे censor board के पास क्यों भेजा जाता है?
आज के इस लेख में आप Central Board of Film Certification यानी सेंसर बोर्ड के बारे में पूरी जानकारी जानेंगे। इसी के साथ आपको यह भी पता चलेगा कि films को कौन-कौन से सर्टिफ़िकेट मिलते हैं।
Film Censor Board Kya Hai?
भारत में आम आदमी को दिखलाई जाने वाली फ़िल्मों और विदेश से आयातित फ़िल्मों के प्रदर्शन से पहले उसको भारत के सेंसर बोर्ड से अनुमति लेनी होती है।
Censor Board यह देखता है कि क्या यह फिल्म, नैतिकता की दृष्टि से उचित है या नहीं? कहीं यह फिल्म कहानी देश में परस्पर सद्भाव को तो नहीं बिगाड़ेगी, क्या इस फिल्म में अश्लीलता तो नहीं है?
फ़िल्मों में इस काट-छाँट को लेकर भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड अपनी कार्य-शैली के कारण विवादों में बना रहता है।
अक्सर कोई न कोई फ़िल्मकार या अभिनेता यह सवाल खड़ा कर देता है कि censor board ने उचित फैसला नहीं लिया है। अक्सर हिंसापूर्ण दृश्यों पर तो कैंची चल जाती है, परंतु गालियों से भरे संवादों या द्विअर्थी संवादों को पास कर देता है।
इससे यह प्रश्न खड़ा होता है कि क्या जिस उद्देश्य से सेंसर बोर्ड का गठन किया गया था, क्या उसमें खरा उतरा है?
Importance of Censor Board in Hindi
कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है कि नैतिकता, अनैतिक, उचित-अनुचित का फैसला सरकार को न लेकर आम जनता की समझ पर छोड़ देना चाहिए। परिपक्व होते समाज में सेंसर बोर्ड का कोई औचित्य समझ में नहीं आता।
दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि समाज में नैतिकता के मानदंड बनाए रखना ज़रूरी है। लक्ष्मण रेखा तो रहनी ही चाहिए।
- सेंसर बोर्ड इसलिए बनाया गया है कि वह यह तय करे कि क्या देखने योग्य है क्या नहीं?
- कम-से-कम युवाओं को नशे, दुष्कर्म और अनैतिक आचरण से बचाने के लिए यह ज़रूरी है।
- सेंसर बोर्ड निर्वस्त्र दृश्यों पर कैंची चलाता है, जो हर दृष्टि से उचित है।
हम जब कोई फिल्म देखने जाते हैं तो सार्वजनिक स्थान पर फिल्म देखते हैं। इसलिए सामाजिक आचरण की परस्परता आवश्यक है। अमर्यादित संवाद और प्रदर्शन अंततः समाज के युवाओं और किशोरों के लिए घातक ही होते हैं।
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Summary: Censor Board Kya Hai?
भारत के सेंसर बोर्ड में 25 सदस्य होते हैं। वे सलाहकार पैनल बनाते हैं जिसमें लगभग 60 सदस्य होते हैं। इन सदस्यों की नियुक्ति केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा की जाती है। क्षेत्रीय भाषाओं की फ़िल्मों के लिए क्षेत्रीय अधिकारी होते हैं जो उन भाषाओं के जानकार होते हैं।
आमतौर पर सेंसर बोर्ड निम्न प्रकार के सर्टिफ़िकेट देता है-
- U- Unrestricted (सर्व सामान्य के लिए)
- U/A – 12 साल से काम उम्र के बच्चों के लिए अभिभावक के साथ।
- A (Adult)– केवल वयस्कों के लिए। इसे बच्चे नहीं देख सकते।
कथाकार और फ़िल्मकार जहाँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की माँग करते हैं तो सेंसर बोर्ड फिल्मकारों को सामाजिक सीमा का आभास कराते हैं।
तो यह रही Film Censor Board के बारे में पूरी जानकारी। मुझे आशा है कि आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, और आपको यह भी अच्छे-से समझ में आ गया होगा कि Censor Board Kya Hai? अगर आपका कोई सवाल हो, तो नीचे comment करके बता सकते हैं। धन्यवाद!