Iodine ki Kami se Kya Hota Hai? शरीर को कितनी मात्रा में आयोडीन चाहिए?

आयोडीन की कमी एक विश्वव्यापी समस्या है। इसकी वजह से लोगों को thyroid की समस्या से जूझना पड़ता है। इसके अलावा आयोडीन की कमी से कई और भी बीमारियाँ हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि Iodine ki kami se Kya Hota Hai? और हमारे शरीर को कितनी मात्रा में आयोडीन चाहिए?

आयोडीन क्या है?

आयोडीन एक ऐसा तत्व है, जिसका संतुलित मात्रा हमारे भोजन में होना बहुत जरुरी है। जन्म के बाद हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में इस मिनरल का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। इसकी कमी से कई प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के विकास के लिए आयोडीन का पर्याप्त सेवन बहुत जरुरी होता है।

Iodine ke Phayde

  • आयोडीन हमारे शरीर का metabolic rate कण्ट्रोल करता है।
  • यह blood circulation और heart rate को नियमित रखता है तथा मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है।
  • शरीर की सकारात्मक उर्जा को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा बिना fat जमा किए calories के सही प्रयोग में सहायता है।
  • आयोडीन से स्वस्थ दांत एवं बाल तथा चमकती त्वचा की बनावट होती हैं।
  • यह immune system को भी strong बनाता है, ताकि हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार रहे।

Iodine ki Kami se Kya Hota Hai?

Nutritionist and dietician का कहना है कि आयोडीन की कमी से होनेवाले रोगों में शरीर में thyroid hormones की कमी होना है।

  • इसके आम लक्षण – त्वचा का सूखापन, नाखूनों और बालों का टुटना, कब्ज और भारी कर्कश आवाज आदि हैं।
  • आयोडीन की कमी से वजन बढ़ने लगता है, ब्लड में cholesterol का स्तर बढ़ जाता है और सर्दी बहुत अधिक लगती है।
  • इसकी कमी से दिमाग बहुत धीमी गति से काम करता है और इससे दिमागी विकार भी हो सकते हैं।
  • चेहरा फूल जाये या गले में सूजन (गले के अगले हिस्से में Thyroid gland में सूजन) आ जाए तो यह आयोडीन की कमी के लक्षण होते हैं. क्योंकि तब thyroid hormones का बनना सामान्य से कम हो जाता है। इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा आ जाती है।
  • गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात, नवजात शिशुओं का वजन कम होना, शिशु का मृत पैदा होना आदि लक्षण होते हैं।

आयोडीन की कमी के लक्षण

  • हमेशा थकान महसूस हो या जब दूसरों को गर्मी लग रही हो, उस वक्त आपको ठण्ड महसूस हो।
  • काम में एकाग्रता की कमी होना या चीजों को लगातार भूलना।
  • अचानक वजन का बढ़ना, चेहरे पर सुजन आ जाना।
  • बालों का तेजी से झडना।
  • कब्ज की शिकायत होना।
  • त्वचा का शुष्क हो जाना।
  • Thyroid gland के बढ़ने से ठुड्डी और गर्दन के हिस्से का फैल जाना।

शरीर को कितना आयोडीन चाहिए?

एक व्यक्ति को जीवनभर में एक छोटे चम्मच से भी कम आयोडीन की आवश्यकता पड़ती है। चूँकि आयोडीन शरीर में जमा नहीं रह सकता, इसलिए इसे दैनिक आधार पर लेना पड़ता है।

रिसर्च से पता चला है कि महिलाओं को गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान अपने आहार में आयोडीन शामिल करने का सबसे बेहतर तरीका आयोडीनयुक्त नमक का प्रयोग है। एक औसत भारतीय प्रतिदिन लगभग 10 से 15 ग्राम नमक का सेवन करता है। अपने दैनिक भोजन में आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करने से आपकी आयोडीन की दैनिक मात्रा पूरी हो जाती है।

आयोडीन किससे मिलता है?

  • भुने आलू- भुने हुए आलू में लगभग 40 प्रतिशत आयोडीन पाया जाता है।
  • दूध- एक कप दूध में लगभग 56 माइक्रो ग्राम आयोडीन पाया जाता है, साथ ही इसमें calcium और vitamin-D भी मिलता है।
  • मुनक्का- रोज तीन मुन्नके खाने से 34 माइक्रोग्राम आयोडीन आपके शरीर में जाता है।
  • दही- दही में लगभग 80 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है, जो दिनभर की कमी को पूरा करता है।
  • सी-फ़ूड- सी-फ़ूड आयोडीन का बहुत अच्छा स्रोत होता है, इसलिए भोजन में इसे शामिल करें। इसके साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन से मस्तिष्क की नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है।

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