वज्रासन कैसे करते हैं? Vajrasana ke Fayde (Thunderbolt Pose, Diamond Pose)

क्या आप Vajrasana ke Phayde जानते हैं? आप सभी को पता ही होगा कि किसी भी योगासन को करने का सर्वोत्तम समय प्रात: काल, शौच और स्नान के बाद खाली पेट होता है.

लेकिन, एक आसन ऐसा भी है, जो दिन में कभी भी किया जा सकता है. चाहे पेट खाली हो या भोजन करने के तुरंत बाद. किसी भी समय करने वाला आसन है वज्रासन.

वज्रासन क्या है?

वज्रासन दो शब्दों ‘वज्र’ और ‘आसन’ से बना है. वज्र का अर्थ होता है, ‘कठिन. इसलिए इस आसन का नाम वज्रासन है, क्योंकि इसे करने से हमारा शरीर कठोर और मजबूत बनता है.

वज्रासन ही एक ऐसा आसन है, जिसे भोजन करने के बाद भी कर सकते हैं. यह पाचन शक्ति को बढाने में मदद भी करता है तथा पैरों, घुटनों और जांघों के दर्द को दूर करता है.

वज्रासन कैसे करते हैं?

  • सबसे पहले आप जमीन पर दरी, मोटी चादर अथवा गद्दा जो आपके पास उपलब्ध है, उसे बिछाकर दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएँ.
  • उसके बाद दोनों हाथों को दायीं और रखकर पैरों को बायीं ओर घुमाते हुए घुटनों को मोड़ लें.
  • फिर पैरों की एडियों को खोल दें. पैरों के अंगूठे मिलाकर रखें. एडियों के पंजे को दायें-बाएं लेटा दें.
  • अपने नितम्बों को एडियों पर टिका कर बैठ जाएँ. और घुटनों को मिलाकर रखें.
  • हाथों को घुटनों पर रख लें और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें.
  • आप इस आसन को पलंग व बिस्तर पर बैठ कर भी कर सकते हैं, शुरूआत में वज्रासन में बैठना कठिन होता है.
  • यदि आप अपनी टांगों के निचे तकिया रख लें, तो बैठना आसान हो जाता है.
  • इस आसन में शुरुआत में 5 मिनट तक बैठें.
  • उसके बाद जब आप इसे ठीक से करने लगेंगे तो,  20 से 30 मिनट तक भी बैठ सकते हैं.

वज्रासन के फ़ायदे

  • वज्रासन एक तरह का विश्राम आसन है. इसमें पैरो और घुटनों को मोड़कर बैठने से थकावट दूर होती है. घर में बुजुर्ग दिन भर काम करके जब थक जाते हैं, तो बच्चों को कहते हैं पैरों को दबाने. वज्रासन इस थकान को स्वंय दूर करता है.
  • इस आसन में बैठने से आमाशय, यकृत, छोटी आंत, बड़ी आंत सभी स्वस्थ हो जाते हैं.
  • जब हम वज्रासन में बैठते हैं, तो पैरों पर दबाव पड़ने से इसकी नसों में गर्मी उत्पन्न होती है. रक्त का संचार तीव्र गति से पेट की ओर होने लगता है, जिस कारण पेट के सभी अंग क्रियाशील हो जाते हैं.
  • भोजन करने के बाद शरीर की पूरी शक्ति भोजन को पचाने में लग जाती है. शरीर की समस्त शक्तियों का स्रोत्र Blood और oxygen ही है. पाचन के समय आमाशय को रक्त की सर्वाधिक आवश्यकता होती है.
  • वज्रासन में बैठने से आमाशय (Stomach)को अधिक रक्त मिलता है, जिससे संकुचन की प्रक्रिया सुचारू रूप से होने लगती है और भोजन का पाचन शीघ्र होता है.
  • योगासन में बैठकर हम कोई अन्य शारीरिक क्रिया नहीं करते, इसलिए पाचन शक्ति का विकास होता है.

Vajrasana Benefits in Hindi

  • भोजन के बाद वज्रासन में केवल 5 मिनट बैठने से ही एक किलोमीटर दूरी चलने से जितना लाभ मिलता है, उतना लाभ मिलता है.
  • इस योगासन में बैठने से भोजन में शर्करा का पाचन शीघ्रता से होता है.
  •  भोजन के बाद 20 से 30 मिनट वज्रासन में बैठना चाहिए.
  • वज्रासन में बैठते ही रीढ स्वत: ही सीधी रहती है. इसलिए कमर दर्द ठीक होता है.
  • इससे श्वसन क्रिया भी ठीक से होती है. श्वसन रोगों में वज्रासन करने से काफी लाभ मिलता है.
  • भारतीय शौच प्रणाली में जब पैरों के बल घुटनों को मोड़कर शौच करने बैठते हैं, तो पैरों पर दबाव पड़ता है और शौच ठीक से होता है.
  • ये आसन में बैठने से कब्ज और गैस की समस्या दूर होती है.
  • वज्रासन करते समय पेल्विक क्षेत्र पर भी दबाव पड़ता है. इससे महिलाओं को गर्भाशय और पुरुषों की testis gland (टेस्टिज ग्रंथि) पर भी प्रभाव पड़ता है.
  • उनमें रक्त प्रवाह की गति बढती है. जिसके कारण वीर्य निर्माण तेजी से होता है. इससे महिलाओं का बाँझपन व पुरुषों की नपुसंकता दूर होती है.

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