Vrikshasana ke Phayde: वृक्षासन करने की विधि और इसके लाभ

योग का नियमित अभ्यास करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। वृक्षासन भी एक योगासन है, जिससे हमारे पैरों, जांघों तथा रीढ़ की हड्डियाँ मजबूत होती हैं। शरीर को इस आसन में एक वृक्ष की आकृति जैसा स्थिर में बनाना होता है। वृक्ष की जड़ें जिस तरह सीधी होती हैं, वैसे ही हमारा शरीर सीधा हो जाता है जिससे शरीर व मन में स्थिरता आती है।

इस योगासन को आराम तथा आनंदपूर्वक करना चाहिए। अभ्यास करते समय ढीले कपडे पहनना चाहिए, ताकि आप शरीर के अंगों को आसानी से हिला-डुला सकें। और आज हम इसी के बारे में बात करेंगे कि Vrikshasana Kaise Kare? Vrikshasana ke Phayde क्या-क्या हैं?

Vrikshasana Kya Hai?

वृक्षासन एक योग आसन है जिसमें शरीर को वृक्ष की आकृति जैसा बनाना होता है। जिस तरह से पेड़ स्थिर अवस्था में सीध खड़ा रहता है, वैसे ही शरीर को स्थिर और सीधा रखना है।

वृक्षासन संस्कृत भाषा का शब्द है। यह दो शब्दों वृक्ष + आसन से मिलकर बना है। वृक्ष का अर्थ ‘पेड़’ होता है तथा आसन का मतलब ‘स्थिति’। इस योगासन में जिस तरह पेड़ सीधा खड़ा रहता है, वैसे ही इस आसन में शरीर का पूरा भार पैरों पर रखकर सीधा खड़ा रहना होता है।

Vrikshasana Karne ki Vidhi

  • सबसे पहले आप समतल जमीन पर सीधे खड़े हो जाएँ।
  • अब शरीर का पूरा भार बांये पैर पर रखे।
  • उसके बाद अपने दायें पैर के घुटने को मोड़कर, इसके तलवे को बाएं पैर की जांघ पर रखें।
  • बायीं पैर पर पुरे शरीर का वजन को संतुलित करे और सीधे खड़े हो जाए।
  • शरीर का वजन बाएं पैर पर संतुलित हो जाय, तब दोनों हाथों को प्रणाम की मुद्रा में लाते हुए, ऊपर करें।
  • लम्बी गहरी साँस लेते हुए, प्रणाम मुद्रा में हथेलियों को सिर के ऊपर ले जाएँ।
  • सिर को सीधा रखें और सामने की ओर ध्यान से देखें।
  • वृक्षासन में सीधा रहें जिस तरह से वृक्ष स्थिर रहता है।

Vrikshasana Kaise Kare?

  • अपनी क्षमता के अनुसार आप इस स्थिति में कम-कम 30 सेकंड या 1 मिनट तक रह सकते हैं।
  • यही आसन की पूर्ण स्थिति है।
  • अब आप साँस को छोड़ते हुए दोनों हाथों को सामान्य स्थिति में निचे ले आयें।
  • और दाहिने पैर को पूर्वस्थिति में जमीन पर ले जाएं।
  • इस क्रिया को अब आप दाहिने पैर पर खड़े होकर भी कर सकते हैं।

प्रतिदिन सुबह के समय वृक्षासन का अभ्यास आप कम से कम दो से तीन बार अभ्यास करें। एक दिन करने से Vrikshasana ke Phyade नहीं मिलेंगे। पहली बार इस आसन को करेंगे, तभी कठिनाई होगी. लेकिन अभ्यास करते-करते आपको वृक्षासन सरल लगने लगेगा।

Vrikshasana ke Phayde

  • इस आसन का अभ्यास करने से शारीरिक तनाव दूर होते है।
  • आसन से पैरों में लचीलापन तथा मजबूती आती है।
  • प्रतिदिन इस आसन का नियमित अभ्यास से वजन कम हो सकता है।
  • पैरों, जांघों तथा तलवे को मजबूत बनाने में वृक्षासन सहायक है।
  • वृक्षासन करने से याददाश्त बढती है और मन भी शांत रहता है।
  • खासतौर पर उन लोगों को इस आसन का अभ्यास करना चाहिए, जो लोग बहुत ज्यादा पैदल चलते हैं।
  • रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे ह्रदय को अधिक मात्रा में रक्त मिलता है। इससे ह्रदय की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।
  • आँखों के रोगियों को आराम मिलता है।
  • अगर आपके बालों में गिरने, झडने (hairfall) या पकने जैसी समस्या हो रही है. ये सभी रोग दूर होते है।
  • मुंहासे भी इस आसन को करने से दूर होते हैं।
  • नियमित अभ्यास करने से तनाव से राहत मिलती है।
  • यह आसन बच्चों के लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है। प्रतिदिन अगर इसका अभ्यास बच्चे करते हैं, तो उनकी कद (उंचाई) में वृद्धि होती है।

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