हम भोजन क्यों खाते हैं? भोजन क्यों आवश्यक है? Importance of Food Essay in Hindi

यह तो आप भली-भाँति जानते होंगे कि ज़िंदा रहने के लिए नियमित रूप से भोजन करना काफ़ी ज़रूरी है। लेकिन फिर भी, भोजन हमें ज़िंदा रहने के लिए मदद कैसे करता है? आइए जानते हैं कि भोजन किस-किस रूप में हमारे शरीर की ज़रूरतें पूरी करता है। हम खाना क्यों खाते हैं?

भोजन क्यों आवश्यक है?

भोजन इसलिए आवश्यक है क्योंकि इससे हमें सबसे पहले तो ऊर्जा यानी ताक़त मिलती है। इसके बाद जब कभी हम बीमार होते हैं या उम्र के अनुसार बूढ़े होते हैं तो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने और कोशिकाओं की मरम्मत करने में भोजन बहुत काम आता है। साथ ही, भोजन में अलग-अलग पदार्थ पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताक़त देते हैं और हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

भोजन में पाए जाने वाले तत्त्व शरीर में अलग-अलग कार्य करते हैं। कार्य के आधार पर इन तत्वों को पाँच भागों में बाँटा गया है।

  1. कार्बोहाइड्रेट: शरीर को ऊर्जा देने वाले पदार्थ को कार्बोहाइड्रेट कहते हैं। मेहनत-मज़दूरी करने वालों को इनकी अधिक जरुरत होती है। यह गेहूँ, जौ, चावल, आलू, शकरकंदी, गुड़ आदि में पाया जाता है।
  2. वसा: वसा शरीर को ऊर्जा/शक्ति देता है। यह हमें घी, मक्खन और तेल आदि से प्राप्त होता है।
  3. प्रोटीन: प्रोटीन शरीर को बढ़ने में और टूट-फूट की मरम्मत करने में सहायक होता है। बच्चों को प्रोटीन अधिक मात्रा में चाहिए, ताकि उनका शरीर अच्छी तरह बढ़ सके। इसी तरह बड़ों को भी घाव होने पर (चोट लगने या ऑपरेशन करवाने पर) अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है, ताकि घाव ठीक तरह से भर जाए।
  4. खनिज लवण: खनिज लवण शरीर को मज़बूती देने वाले और रोगों से बचाने वाले पदार्थ हैं। ये हमें थोड़ी मात्रा में ही चाहिए, परंतु स्वस्थ तथा मज़बूत शरीर के लिए इनका भोजन में होना जरुरी है। खनिज लवणों में लोहा, सोडियम, कैल्शियम, आयोडीन, फ़ॉस्फोरस आदि हैं।
  5. विटामिन: विटामिन हमें रोगों से बचाते हैं। इन्हें A, B, C, D, E आदि आम दिया गया है। ये विटामिन हमें फलों, सब्ज़ियों, सूखे मेवों, दूठ, मक्खन आदि से मिलते हैं। विटामिन D हमें धूप से मिलता है।

हम भोजन क्यों खाते हैं?

स्वस्थ शरीर के लिए जरुरी है कि हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिन ये पाँचों तत्त्व सही मात्रा में हों। जिस भोजन में पाँचों तत्त्व सही मात्रा में होते हैं, उसे ‘संतुलित भोजन’ कहते हैं।

वह भोजन जिनमें अनाज, घी, तेल, दाल, सब्ज़ियाँ, मौसमी फल शमिल हैं, संतुलित भोजन कहलाता है। बच्चे के लिए दूध एक संतुलित आहार माना जाता है। परंतु दूध में भी लोहे व विटामिन सी की कमी होती है। छोटे बच्चों को पेट भर खाना न मिलने पर सूखा रोग हो सकता है।

कुछ लोग स्वाद के लिए या जल्दी भूख मिटाने के लिए बर्गर, नूडल्स आदि fast food खाकर ही गुज़ारा कर लेते हैं। इस प्रकार का भोजन अधिक खाने से शरीर में कई तत्त्वों की कमी हो जाती है, कई बार फूड पॉइजनिंग के मामले भी सामने आ जाते हैं और शरीर स्वस्थ नहीं रहता। अतः हमें फ़ास्ट फ़ूड से दूर रहना चाहिए।

अधिकतर औरतों को ‘एनीमिया’ या खून की कमी हो जाती है। यह रोग भोजन में लोहे की कमी या कभी-कभी विटामिन बी की कमी से होता है। इससे बचने के लिए भोजन में पालक जैसी हरी सब्ज़ियाँ, शलजम, गाजर, गुड़, चने, अंडा, कलेजी आदि खाना चाहिए।

मज़बूत हड्डियों के लिए शरीर को कैल्शियम और विटामिन डी की जरुरत होती है। इसके लिए दूध, अंडा, मछली, पालक आदि खाना चाहिए। धूप में बैठने से भी शरीर में विटामिन ‘डी’ की कमी नहीं रहती।

स्वस्थ आँखों के लिए विटामिन ‘ए’ वाले पदार्थ- गाजर, आम, पपीता, बन्दगोभी, दूध, मछली का तेल आदि खाना लाभदायक है। अनाज के छिलकों में भी विटामिन ‘ए’ खूब मिलता है।

मसूढ़ों से खून निकलता हो तो आँवला, नींबू, अमरूद, टमाटर आदि ‘विटामिन सी’ से भरपूर चीजों को खाने से लाभ होता है। ‘विटामिन सी’ हमारे शरीर की प्रतिरोधक-शक्ति (रोगों से बचाव की ताकत) को भी बढ़ाता है।

नमक ख़रीदते समय ध्यान रहे कि उस पर ‘आयोडीनयुक्त नमक’ लिखा हो। शरीर में आयोडीन की कमी होने से गले में घूमड़ जैसा हो जाता है। इसे घेंघा या गलगंड रोग कहते हैं। आयोडीनयुक्त नमक खाने से शरीर में आयोडीन की कमी नहीं होती।

भोजन में अलग-अलग विटामिन, मिनरल्स और अन्य महत्वपूर्ण पदार्थ होते हैं, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसलिए भोजन करते समय हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि जो भी खाना हम खाते हैं वो हमारे शरीर के लिए अच्छा होना चाहिए, और जितना हो सके ‘जंक फ़ूड’ से दूर रहना चाहिए।

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