सर्वांगासन कैसे करते हैं? Sarvangasana Benefits in Hindi

क्या आप जानते हैं, Sarvangasana Kaise Karte Hai? योगासन करने से हमारा मन और तन स्वस्थ होता है. प्रत्येक आसन को करने से अलग-अलग अंगों को लाभ मिलता है, जैसे कुछ आसनों से पैरों को तथा दूसरे आसनों से पीठ, गर्दन आदि को.

लेकिन सर्वांगासन शरीर के सभी अंगो को क्रियाशील एवं निरोग बनाता है. यह सभी अंगों का आसन है, सभी अंगो को सक्रिय और क्षमतावान बनाता है.

सर्वांगासन कैसे करते हैं?

सर्वांगासन एक महत्वपूर्ण आसन है. यह तीन शब्दों से मिलकर बना है, ‘सर्व + अंग + आसन’. इसका मतलब सभी अंगों का आसन है. यानि सर्वांगासन शरीर के सभी अंगों को सक्रिय निरोग एवं हष्ट पुष्ट बनाने वाला आसन. शरीर के प्रत्येक अंगों को लचीला और निरोग बनाता है.

  • सबसे पहले आप जमीन पर दरी बिछाकर बैठ जाएँ.
  • उसके बाद पीठ के बल सीधे लेट जाएँ, और हाथों को दोनों ओर सटा लें, हथेलियां जमीन की ओर रखें.
  • फिर दोनों पैरों को मिलाएं, और साँस को अन्दर भरते हुए  धीरे-धीरे पैरों को एक साथ उठाएं.
  • पहले 45 डिग्री और फिर 90 डिग्री तक ले जाएँ.
  • पैरों को उठाते समय दोनों हाथों का सहारा लें और हाथों को उठाकर कमर के पीछे लगाएं, कोहनियाँ जमीन पर टिकी हों.
  • पैरों को मिलाकर, कन्धों के ऊपर सीधा रखे, पंजे ऊपर की ओर ताने हुए हों.
  • और आँखों की दृष्टि पैर के अंगूठे पर रखें.
  • पैर, नितम्ब और पीठ एक रेखा में हों तथा साँस धीरे धीरे लेते रहें.
  • इस स्थिति में 1 से 2 मिनट स्थिर रहें. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं और 20 से 30 मिनट करें.
  • धीरे से पैरों को सिर के पीछे की ओर झुकाएं, दोनों हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर रखें.
  • हथेलियों से जमीन दबाते हुए पैरों को धड सहित, वापस जमीन की तरफ लेकर जाएँ. पैरों सहित पुरे धड को बिना झटके के यथाशक्ति में जमीन पर सुला दें.
  • उसके बाद 10 से 15 सेकंड तक शवासन में आराम करें. फिर यही क्रिया को 5-6 बार दोहराएँ.

सर्वांगासन के फ़ायदे

  • इस आसन को करने से thyroidParathyroid gland क्रियाशील होती है एवं उसका रक्त द्वारा पोषण होता है.
  • इससे Metabolism बढ़ जाता है. इसके फलस्वरूप रक्त संचार (blood circulation) व्यवस्था, श्वसन क्रिया, पाचन क्रिया, मलमूत्र विसर्जन क्रिया और स्नायु तंत्र व्यवस्थित ढंग से कार्य करने लगते हैं.
  • मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ने से, मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ जाती है.
  • पीनियल ग्रंथि, Pituitary gland में hormones के स्राव नियंत्रित होते है, जिससे पुरे शरीर स्वास्थ्य होने लगता है.
  • सम्पूर्ण मस्तिष्क को शुद्ध रक्त मिलने से मस्तिष्क सम्बन्धी सभी रोगों को लाभ मिलता है.

Sarvangasana Benefits in Hindi

  • सर्वांगासन करने से बाल काले व मजबूत होते हैं.
  • इस आसन को करने से गुप्तांग स्वस्थ, निरोग, सक्षम और सशक्त होते हैं एवं पैर, जंघाएँ, सुदृढ़ व लिचीली बनती हैं.
  • Thyroid से सम्बंधित रोग दूर होते हैं.
  • स्मरण शक्ति और बुद्धिमता बढती है.
  • इसके अभ्यास से स्फूर्ति आती है और सदैव मन चंचल बना रहता है.

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सर्वांगासन कैसे करें?

यह आसन बहुत धीमी गति से प्रेमपूर्वक, सुख व आनंद की अनुभूति करते हुए करें. शौच के बाद सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है, उस समय, प्राण वायु, oxygen एवं प्राणशक्ति, वायुमंडल में सबसे अधिक होती है.

खुली हवा और हवादार कमरे में योगासन करना चाहिए, पैर से उलटी तरफ से रक्त प्रवाह होने से, ह्रदय, फेफड़े और कंधे मजबूत होते हैं.

सर्वांगासन करते समय सावधानियाँ

योग करने के फायदे तो हैं, लेकिन बहुत सावधानी पूर्वक हमें सर्वांगासन को करना चाहिए. क्योंकि यह और आसनों से थोडा  कठिन है. प्रथम बार इसे किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही करें तो अच्छा होगा. इस आसन को झटके से न करें नहीं तो गर्दन में मोच आ सकती है.

जिन्हें गर्दन में दर्द या sleep disk की तकलीफ है, वे इस आसन को न करें. आसन बहुत धीरे-धीरे बिना झटके के करें, जब तक आप इसे करने में पारंगत न हो जाएँ, शरीर में कहीं भी दर्द होने पर, तुरंत आसन रोक दें व शवासन पर लेट जाएँ. गर्भावस्था या मासिक धर्म में यह आसन कदापि नहीं करना चाहिए.

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